लाइव न्यूज़ :

अवधेश कुमार का ब्लॉग: आर्थिक क्षेत्र के सभी अंगों का रखा है ध्यान

By अवधेश कुमार | Updated: February 2, 2022 17:04 IST

आपको बता दें कि 2021-22 के प्रस्तावित बजट खर्च में अनुपूरक मांग जोड़कर 35 लाख करोड़ से 38 लाख करोड़ कर दिया है।

Open in App
ठळक मुद्देवित्त मंत्नी के मुताबिक, यह बजट आजादी के 100 वर्ष पूरा होने तक का आधार देने वाला बजट है। 2020-21 में राजकोषीय घाटा 9.3 प्रतिशत की ऊंचाई तक चला गया था जो खतरनाक था।इस वित्तीय वर्ष का राजकोषीय घाटा लक्ष्य से भी बेहतर यानी 6.6 प्रतिशत रह सकता है।

वित्त मंत्नी निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत चौथे बजट के बारे में अगर थोड़े शब्दों में कहना हो तो यही कहा जाएगा कि नरेंद्र मोदी सरकार की पहले से चली आ रही दीर्घकालिक नीति से भारत को मजबूत आर्थिक शक्ति बनाने के लक्ष्य को ही साधने वाला बजट है। 

उन्होंने अपने भाषण के आरंभ में कहा भी कि आजादी के 75वें वर्ष में अगले 25 वर्ष यानी आजादी के 100 वर्ष पूरा होने तक का आधार देने वाला बजट है। वित्त वर्ष 2023 के लिए कुल 39.45 लाख करोड़ का बजट भारत के बढ़ते वित्तीय आकार का द्योतक है।

हालांकि प्रश्न उठाया जा सकता है कि जब कुल आमदनी 22.84 लाख करोड़ रु. होने का अनुमान है तो फिर इतने खर्च के लिए धन आएगा कहां से? हम सब जानते हैं कि सरकार सभी स्रोतों से बजट लक्ष्य को पूरा करने के लिए धन प्राप्त करती है और यह एक स्थापित व्यवस्था है।

कोरोना की मार ने विश्व के अन्य देशों की तरह भारत की अर्थव्यवस्था को भी काफी क्षति पहुंचाई। हालांकि देश की अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति 2020-21 की तुलना में बेहतर है. 2020-21 में राजकोषीय घाटा 9.3 प्रतिशत की ऊंचाई तक चला गया था जो खतरनाक था। 2021-22 में इसे घटाकर सकल घरेलू उत्पाद का 6.8 प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया था और यह पूरा हुआ। 

2025-26 तक राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 4.5 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य सरकार ने पहले से घोषित किया हुआ है। अप्रैल से नवंबर 2021 के जो वास्तविक आंकड़े हैं उनके अनुसार इस वित्तीय वर्ष का राजकोषीय घाटा लक्ष्य से भी बेहतर यानी 6.6 प्रतिशत रह सकता है।

यह कोरोना महामारी से पीड़ित अर्थव्यवस्था के लिए सामान्य उपलब्धि नहीं है। यह उपलब्धि तब और बड़ी हो जाती है जब पता चलता है कि 2021-22 के प्रस्तावित बजट खर्च में अनुपूरक मांग जोड़कर 35 लाख करोड़ से 38 लाख करोड़ कर दिया गया जबकि दूसरी ओर विनिवेश से 1.75 लाख की आय का लक्ष्य था जबकि प्राप्ति इसके 5 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो पाई। 

इन सबके बावजूद अगर राजकोषीय घाटा लक्ष्य भी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है तो इसका मतलब है कि विकास की गति तेज है और राजस्व अपेक्षा अनुरूप प्राप्त हो रहा है।

टॅग्स :बजट 2022भारतNirmal Sitharamanमोदी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतडॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी समेत नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

कारोबार अधिक खबरें

कारोबार500 किमी तक की उड़ान के लिए किराया 7,500, 500-1,000 किमी के लिए टिकट की कीमत 12,000 रुपये तय, जानें रेट लिस्ट

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

कारोबारIndiGo Crisis: 1000 से अधिक विमान कैंसिल?, रेलवे ने यात्रियों को दी बड़ी राहत, कई स्पेशल ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी, जानिए टाइम टेबल

कारोबारईपीसी क्षेत्रः 2030 तक 2.5 करोड़ से अधिक नौकरी?, 2020 के बाद से भर्ती मांग में 51 प्रतिशत की वृद्धि

कारोबारIndiGo Crisis: हवाई किराए मनमानी पर सख्ती, केंद्र सरकार का एक्शन, सभी रूट पर कैप?