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Women's Reservation Bill: लोकसभा में "नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल" पेश, गर्मायी बिहार की सियासत, राजद ने जताया विरोध, आखिर वजह

By एस पी सिन्हा | Updated: September 19, 2023 17:49 IST

Women's Reservation Bill: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का कहना है कि महिला आरक्षण विधेयक में जो 33 फीसदी आरक्षण दिया गया है, उसमें एससी/एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं की गई हैं।

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ठळक मुद्देभाजपा प्रदेश कार्यालय में जश्न का माहौल है और महिला मोर्चा की कार्यकर्ता जश्न मना रही हैं।एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर महिला आरक्षण बिल के समर्थन में खुशियां मना रही हैं। लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद का स्टैंड अलग है।

Women's Reservation Bill: लोकसभा में "नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल" पेश होने के बाद से बिहार की सियासत गर्मा गई है। इस बिल को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष की तरफ से बयानबाजी शुरू हो गई हैं। भाजपा प्रदेश कार्यालय में जश्न का माहौल है और महिला मोर्चा की कार्यकर्ता जश्न मना रही हैं।

एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर महिला आरक्षण बिल के समर्थन में खुशियां मना रही हैं। वहीं, दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद का स्टैंड अलग है। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का कहना है कि महिला आरक्षण विधेयक में जो 33 फीसदी आरक्षण दिया गया है, उसमें एससी/एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं की गई हैं।

एससी/एसटी वर्गों के लिए जो प्रावधान किया है, वह उन वर्गों के लिए पहले से ही आरक्षित सीटों में से एससी/एसटी की महिलाओं को 33 फीसदी मिलेगा यानी यहां भी एससी/एसटी को धोखा। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि एससी/एसटी, पिछड़े/अति पिछड़े एवं अल्पसंख्यक वर्गों की महिलाओं को ठेंगा दिखाने वाला महिला आरक्षण परिसीमन के बाद लागू होगा।

परिसीमन जनगणना के बाद होगा और जातिगत जनगणना करवाने के दबाव में केंद्र ने जनगणना को ठंडे बस्ते में ही डाल दिया है। मतलब, बस झाल बजाने और शोर मचाने के लिए शिगूफा छोड़ा गया है। महिला आरक्षण के अंदर वंचित, उपेक्षित, खेतिहर और मेहनतकश वर्गों की महिलाओं की सीटें आरक्षित हो। मत भूलो महिलाओं की भी जाति है।

अन्य वर्गों की तीसरी/चौथी पीढ़ी की बजाए वंचित वर्गों की महिलाओं की अभी पहली पीढ़ी ही शिक्षित हो रही है इसलिए इनका आरक्षण के अंदर आरक्षण होना अनिवार्य है। वहीं, महिला आरक्षण बिल पर राजद कोटे के मंत्री सुरेन्द्र राम ने कहा कि हम बिल के विरोधी नहीं हैं लेकिन वैसी महिलाओं के भी बारे में केंद्र की सरकार सोचे, जिनका आर्थिक और सामाजिक उत्थान नहीं हुआ है।

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समाज की महिलाओं का भी सर्वे होना चाहिए। उधर, जदयू ने महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल का स्वागत किया है। जदयू प्रवक्ता राहुल शर्मा ने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार हमेशा से महिला सशक्तिकरण के पक्षधर रहे हैं। हमारे नेता ने हमेशा ही महिलाओं के उत्थान के लिए कदम आगे बढ़ाया है।

टॅग्स :महिला आरक्षणबिहारपटनाBJPआरजेडी
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