अजीत डोभाल के बयान पर बिहार में गर्मायी सियासत, जदयू ने जताई नाराजगी, कहा-भाजपा का हिडेन एजेंडा है
By एस पी सिन्हा | Published: June 18, 2023 05:39 PM2023-06-18T17:39:37+5:302023-06-18T17:41:14+5:30
बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि भाजपा अब अधिकारियों के माध्यम से महात्मा गांधी को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा है कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस गांधी को चुनौती देने की हिम्मत रखते थे और नेताजी जिन्दा रहते तो देश का बंटवारा नहीं होता। यह सीधे तौर पर गांधी के नेतृत्व पर प्रहार है।
पटना: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के द्वारा अपने भाषण में यह कहे जाने पर कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस हमेशा महात्मा गांधी को चुनौती देते थे, नेताजी अगर जिंदा होते तो भारत का विभाजन ही नहीं होता, उनके इस बयान पर बिहार में सियासत गरमा गई है। बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनके बयान को आपत्तिजनक करार दिया है।
विजय चौधरी ने डोभाल के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि उनके बयान का निष्कर्ष यही निकलता है कि गांधी के कारण देश का विभाजन हुआ और नेता जी अगर रहते तो गांधी की बात नहीं चलती। यह बिल्कुल दुर्भावनापूर्ण है और गांधी को नीचा दिखाने की कोशिश है। गांधी को अपमानित करने की कोशिश भाजपा कर रही है। भाजपा का हिडेन एजेंडा है। भाजपा यह सोचती है कि गांधी की वजह से भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बन पाया।
उन्होंने कहा कि भाजपा अब अधिकारियों के माध्यम से महात्मा गांधी को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा है कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस गांधी को चुनौती देने की हिम्मत रखते थे और नेताजी जिन्दा रहते तो देश का बंटवारा नहीं होता। यह सीधे तौर पर गांधी के नेतृत्व पर प्रहार है। भाजपा का एजेंडा रहा है कि कभी नेताजी, कभी सरदार पटेल का महिमामंडन इस प्रकार किया जाए कि गांधी उनके सामने छोटे दिखें और धीरे-धीरे भारतीय जन मानस उनकी स्मृति को खारिज कर दे।
विजय चौधरी ने कहा कि सच्चाई यह है कि स्वतंत्रता आंदोलन के क्रम में अनेक अवसरों पर नेहरू, पटेल, नेताजी, आदि के विचार गांधी से अलग होते थे। परन्तु इन सब को गांधी के नेतृत्व एवं कार्यशैली में अटूट आस्था थी, इस कारण सभी गांधी के फैसलों को स्वीकार करते थे। सब ने मिलकर ही गांधी के रास्ते चलकर आजादी हासिल की थी। नेताजी एक महान क्रांतिकारी देशभक्त थे एवं स्वतंत्रता संग्राम में उनका अमूल्य योगदान था। परन्तु उनकी प्रशंसा के बहाने गांधी को अपमानित करना निदंनीय है और इससे नेताजी की आत्मा भी दुःखी होगी।
वहीं, 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक को लेकर विजय चौधरी ने कहा विपक्षी नेताओं की बात छोड़ दीजिए। सारा देश मान चुका है कि विपक्ष अगर एकजुट हो जाए तो भाजपा सत्ता में नहीं आ पाएगी। उन्होंने कहा कि 23 जून को होने वाले विमर्श में सकारात्मक नतीजा निकलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेशों के अंदर क्षेत्रीय दलों के बीच संघर्ष लगा रहता है। दोनों के बीच संवेदनशीलता रहती है और इसी को लेकर विपक्षी एकता की बैठक में निष्कर्ष निकलेगा कि इस तरह की परिस्थिति में कैसे हम लोग एकजुट होकर भाजपा का सामना करेंगे। ये विपक्षी दल की बैठक इसी का प्रयास है।
विजय चौधरी ने कहा कि सभी बड़े नेताओं के आने का कंफर्मेशन हो चुका है। नीतीश कुमार की पहल पर ही ये विपक्षी एकता की बैठक हो रही है। जैसे ही सारे विपक्षी दल एक मंच पर आएंगे, भाजपा सत्ता से दूर चली जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि 23 जून को विपक्षी एकता को लेकर होने वाली बैठक में राजद प्रमुख लालू प्रसाद भी शामिल होंगे। इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि स्टालिन के निमंत्रण पर नीतीश कुमार आगामी 20 जून को तमिलनाडु जाएंगे।