Bihar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज्य में शुरू किए गए जल जीवन हरियाली मिशन के तहत जल संरक्षण प्रयासों के परिणामस्वरूप भूजल स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। बीते साल की तुलना में न केवल भूजल स्तर बेहतर हुआ है, बल्कि भूजल संरक्षण के क्षेत्र में 929 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है।
केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 2023 में बिहार का सुरक्षित भूजल क्षेत्र 81260 वर्ग किलोमीटर था, जो इस वर्ष बढ़कर 82189 वर्ग किलोमीटर हो गया है। जल जीवन हरियाली मिशन की शुरुआत 2 अक्टूबर 2019 को की गई थी।
इससे यह स्पष्ट होता है कि बिहार का लगभग 91 फीसदी भूभाग अब भूजल स्तर के मामले में सुरक्षित या संतोषजनक स्थिति में है, जो 2023 में 90 फीसदी था। यह वृद्धि जल जीवन हरियाली मिशन के तहत राज्य में किए गए व्यापक जल संरक्षण उपायों का प्रत्यक्ष परिणाम है।
इस मिशन के तहत न केवल हरियाली बढ़ाने का कार्य हुआ बल्कि जल संरक्षण के विभिन्न उपायों पर भी जोर दिया गया। इनमें प्रमुख रूप से जल स्रोतों का जीर्णोद्धार, तालाब, आहर, पइन की साफ-सफाई और नहरों की उड़ाही शामिल हैं। दक्षिणी बिहार में बड़े पैमाने पर आहर और तालाब खुदवाए गए और नहरों की मरम्मत की गई। पहाड़ी क्षेत्रों में जल संचय के लिए संरचनाओं का निर्माण और कच्चे और पक्के चेक डैम बनाए गए।
इन प्रयासों से न केवल जल स्रोतों की स्थिति में सुधार हुआ बल्कि राज्य के भूजल स्तर में भी सकारात्मक बदलाव आए। 2024 की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अत्यधिक भूदोहन वाले क्षेत्रों में कमी आई है। 2023 में अत्यधिक भूदोहन क्षेत्र 867.80 वर्ग किलोमीटर था, जो अब घटकर 441 वर्ग किलोमीटर रह गया है। यह राज्य के कुल भूभाग का केवल 0.49 फीसदी है, जो 2023 में 0.96 फीसदी था।
इसके अलावा, भूदोहन के संवेदनशील क्षेत्रों में भी कमी देखी गई है। 2023 में 7417.08 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र संवेदनशील था, जो अब घटकर 6818.28 वर्ग किलोमीटर रह गया है। यह 8.21 फीसदी से घटकर 7.55 फीसदी हो गया है। हालांकि क्रिटिकल क्षेत्र में मामूली वृद्धि देखी गई है। 2024 में यह क्षेत्र बढ़कर 900.68 वर्ग किलोमीटर हो गया है, जो राज्य के कुल भूभाग का लगभग 1 फीसदी है।
2023 में यह 803 वर्ग किलोमीटर था, जो 0.89 फीसदी था। बिहार के जल जीवन हरियाली मिशन ने राज्य में जल संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के प्रयासों को गति दी है। इसका प्रत्यक्ष परिणाम भूजल स्तर में सुधार और अत्यधिक भूदोहन वाले क्षेत्रों में कमी के रूप में देखा जा सकता है। इस मिशन के तहत राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में किए गए व्यापक उपायों से न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की जल आवश्यकताओं को भी पूरा करने में मदद मिलेगी।