बिहार में राजभवन और शिक्षा विभाग में टकराव की नौबत, सरकार केके पाठक के समर्थन में उतरी

By एस पी सिन्हा | Updated: August 20, 2023 17:18 IST2023-08-20T17:16:10+5:302023-08-20T17:18:08+5:30

राजभवन ने केके पाठक के आदेश पर रोक लगा दी थी। यही नही शिक्षा विभाग विश्वविद्यालयों की ऑडिट यह कहकर कराना चाहता है कि यह शिक्षा विभाग का अधिकार है। इसके लिए दो सदस्यीय टीम भी बनाई गई है। दूसरी तरफ राजभवन का रुख भी कड़ा है।

Conflict between Raj Bhavan and Education Department in Bihar Government came out in support of KK Pathak | बिहार में राजभवन और शिक्षा विभाग में टकराव की नौबत, सरकार केके पाठक के समर्थन में उतरी

बिहार में राजभवन और शिक्षा विभाग में टकराव की नौबत

Highlightsबिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच तनातनी की स्थिति हैराजभवन ने केके पाठक के आदेश पर रोक लगा दी थीअब सरकार केके पाठक के समर्थन में उतर आई है

पटना:  बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच तनातनी की स्थिति है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने विश्वविद्यालय के वीसी और प्रोवीसी का वेतन रोक्ने का आदेश दिया था। इसके बाद राजभवन ने केके पाठक के आदेश पर रोक लगा दी थी। यही नही शिक्षा विभाग विश्वविद्यालयों की ऑडिट यह कहकर कराना चाहता है कि यह शिक्षा विभाग का अधिकार है। इसके लिए दो सदस्यीय टीम भी बनाई गई है। दूसरी तरफ राजभवन का रुख भी कड़ा है। 

बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति का वेतन बंद करने के साथ ही सभी वित्तीय लेन देन पर रोक लगाने पर राजभवन ने नाराजगी जाहिर की थी और मुजफ्फरपुर एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर को राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने आदेश पत्र भेजकर कहा कि जब तक राज्यपाल सचिवालय के स्तर से निर्देश प्राप्त नहीं होता, यही व्यवस्था लागू रखी जाए।

लेकिन अब सरकार केके पाठक के समर्थन में उतर आई है। सरकार ने कहा है कि अगर विश्वविद्यालय को अपने तरीके से काम करना है तो वह सरकार से पैसा लेना बंद कर दे। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने शुक्रवार को शिक्षा विभाग के आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई थी। शिक्षा विभाग ने बिहार विश्वविद्यालय (मुजफ्फरपुर) के प्रभारी वीसी और प्रो-वीसी के वेतन को रोक कर उनकी वित्तीय शक्तियों और बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया था। इसके बाद राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंगथु ने पत्र लिखकर कहा था कि बिहार सरकार के पास विश्वविद्यालयों का ऑडिट करने का अधिकार है। लेकिन वह वह विश्वविद्यालय की वित्तीय शक्तियों और बैंक खातों को जब्त नहीं कर सकती है।

बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 की धारा 54 में ये स्पष्ट है। ये विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर हमला है और शिक्षा विभाग ने कुलाधिपति की शक्तियों का अतिक्रमण किया है। राजभवन ने स्पष्ट किया था कि विश्वविद्यालयों के प्रमुख चांसलर होते हैं। वीसी या प्रो वीसी का वेतन रोकना राज्य सरकार के अधिकार में नहीं है।

Web Title: Conflict between Raj Bhavan and Education Department in Bihar Government came out in support of KK Pathak

बिहार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे