मुख्य सचिव से लेकर डीएम तक निजी अस्पतालों में करा रहे इलाज, अधिकारियों को बिहार के स्वास्थ्य सुविधाओं पर नहीं हो रहा भरोसा!

By एस पी सिन्हा | Published: September 15, 2023 03:13 PM2023-09-15T15:13:02+5:302023-09-15T15:18:02+5:30

राज्य में डेंगू का असर लगातार बढ़ता जा रहा है और इसकी चपेट में आम लोगों के साथ ही वीवीआईपी भी आ रहे हैं। राजधानी पटना में डेंगू के मरीजों की संख्या अब 435 हो गई है। राज्य में सितंबर महीने  में अब तक 1307 डेंगू मरीजों की पहचान की जा चुकी है।

Chief Secretary to DM admitted in private hospitals dengue officials do not have confidence health facilities of Bihar | मुख्य सचिव से लेकर डीएम तक निजी अस्पतालों में करा रहे इलाज, अधिकारियों को बिहार के स्वास्थ्य सुविधाओं पर नहीं हो रहा भरोसा!

मुख्य सचिव से लेकर डीएम तक निजी अस्पतालों में करा रहे इलाज, अधिकारियों को बिहार के स्वास्थ्य सुविधाओं पर नहीं हो रहा भरोसा!

Highlightsराज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी बीमार हो गए हैं और उन्हें पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर भी डेंगू का इलाज कराने के लिए पारस अस्पताल में ही भर्ती हुए थे।

पटना। बिहार में नीतीश सरकार के द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में काफी बेहतर व्यवस्था किए जाने का दावा किया जाता है। वक्त बेवक्त खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का दावा करते हुए कहते हैं कि अब लोगों को इलाज कराने बाहर नहीं जाना पड़ेगा। लेकिन नीतीश कुमार के दावों की पोल तब खुल जा रही है, जब अधिकारी से लेकर मंत्री तक निजी अस्पतालों में अपना इलाज कराने जा रहे हैं।

राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी बीमार हो गए हैं और उन्हें पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर भी डेंगू का इलाज कराने के लिए पारस अस्पताल में ही भर्ती हुए थे। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के पारस अस्पताल में भर्ती होने की खबर सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार सुबह उनका हाल-चाल लेने पारस अस्पताल पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने आमिर सुबहानी से खुद बात की और इसके साथ ही उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों से भी इलाज के बारे में पूरी जानकारी ली। आमीर सुबहानी पिछले दो दिनों से बुखार से पीड़ित थे और वह कार्यालय नहीं आ रहे थे। बीते दो दिनों से उन्हें तेज बुखार है। ऐसे में लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि अगर बिहार में सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा सरकार के दावा किया जा रहा है तो अधिकारी और नेता निजी अस्पतालों में अपना इलाज क्यों करा रहे हैं?

लोग कह रहे हैं कि क्या उन्हें अपनी ही व्यवस्था पर भरोसा नही हो पा रहा है? अगर अधिकारी और राजनेताओं को अपनी ही व्यवस्था पर भरोसा नहीं है तो आम लोगों के बेहतर इलाज होने का दावा सरकार के द्वारा क्यों किया जा रहा है? ऐसे में सहज ही यह अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकार के दावों में कितना दम है जब उनके अधिकारी ही विश्वास नहीं कर पा रहे हैं।

बता दें कि राज्य में डेंगू का असर लगातार बढ़ता जा रहा है और इसकी चपेट में आम लोगों के साथ ही वीवीआईपी भी आ रहे हैं। राजधानी पटना में डेंगू के मरीजों की संख्या अब 435 हो गई है। राज्य में सितंबर महीने  में अब तक 1307 डेंगू मरीजों की पहचान की जा चुकी है। वहीं राज्य में अब तक 1582 डेंगू मरीजों की पहचान हो चुकी है।

Web Title: Chief Secretary to DM admitted in private hospitals dengue officials do not have confidence health facilities of Bihar

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