बिहारः महागठबंधन सरकार में मनमुटाव!, 20-21 दिनों से कार्यालय नहीं जा रहे हैं शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, अपर मुख्य सचिव केके पाठक से अनबन
By एस पी सिन्हा | Published: July 26, 2023 06:33 PM2023-07-26T18:33:41+5:302023-07-26T18:36:18+5:30
बिहारः विभाग केवल अपर मुख्य सचिव केके पाठक के सहारे दौड़ रही है। शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के विभाग में नहीं जाने से सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
पटनाः बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन की सरकार में सबकुछ ठीक ठाक चलने का दावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के द्वारा लगातार किया जाता है। लेकिन हाल यह है राज्य के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर 20-21 दिनों से कार्यालय नहीं जा रहे हैं, जिसके चलते शिक्षा विभाग में उहापोह की स्थिति बनी हुई है।
विभाग केवल अपर मुख्य सचिव केके पाठक के सहारे दौड़ रही है। शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के विभाग में नहीं जाने से सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है। उल्लेखनीय है के विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के द्वारा उनके पीएस के कार्यालय आने पर प्रतिबंध लगा दिए जाने के बाद से मंत्री ने विभाग में कदम रखना छोड़ दिया है।
बीते 20 दिनों से उन्होंने विभाग के किसी बैठक में भी भाग नहीं लिया है। यहां तक कि निरीक्षण, प्रतिवेदन, एक्शन कार्य से भी मंत्री ने दूरी बना ली है। विशेष बात यह है कि पटना में रहते हुए शिक्षा मंत्री ने विभाग से दूरी बना ली है। जबकि विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रतिदिन बैठक के साथ-साथ समीक्षा कर रहे हैं।
वहीं, शिक्षा मंत्री सार्वजनिक कार्यक्रमों में तो देखे जा रहे हैं। सोशल मीडिया में भी सक्रिए हैं। लेकिन केवल अपने विभाग के कार्यालय ही नहीं जा रहे हैं। ऐसे में चर्चा है कि बिहार में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में क्या उनका विभाग बदल दिया जाएगा? कहा जा रहा है कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर कई गैर जरूरी बयानों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी नाराज हैं।
नीतीश कुमार की नाराजगी को देखते हुए माना जाता है कि शिक्षा मंत्री को कंट्रोल में करने के लिए केके पाठक को बतौर अपर मुख्य सचिव तैनात किया गया है। हालांकि, शिक्षा मंत्री इसके बाद भी नहीं रुके और उन्होंने केके पाठक से ही पंगा मोल ले लिया।
शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक के बीच विवाद की शुरुआत जुलाई के प्रथम सप्ताह में तब हुई थी, जब उनके पीएस ने पाठक को पीत पत्र के जिए उनके कामकाज पर सवाल उठाया था। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद प्रमुख लालू यादव से इसकी शिकायत की थी। राजद प्रमुख ने शिक्षा मंत्री को फटकार लगाई थी। इसके बाद से उन्होंने विभाग आना ही छोड़ दिया है।