बिहारः अब 9वीं बार मारने जा रहे हैं पलटी, सीएम नीतीश से आगे निकले मांझी!, कांग्रेस, जदयू, राजद और भाजपा के साथ रहे, जानें कब क्या हुआ...

By एस पी सिन्हा | Published: June 17, 2023 03:52 PM2023-06-17T15:52:38+5:302023-06-17T15:53:50+5:30

जदयू, राजद, और भाजपा के साथ सत्ता में रहे। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने 1980 में राजनीति में कदम रखा था। राजनतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी।

Bihar ham neta Jitan Ram Manjhi Now going hit 9th time former CM overtook CM Nitish Kumar Congress, JDU, RJD and BJP  | बिहारः अब 9वीं बार मारने जा रहे हैं पलटी, सीएम नीतीश से आगे निकले मांझी!, कांग्रेस, जदयू, राजद और भाजपा के साथ रहे, जानें कब क्या हुआ...

नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे चुके मांझी के पुत्र संतोष सुमन ने इस आशय का संकेत दिया है।

Highlightsसत्तारूढ़ महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद एनडीए में शामिल होने की संभावना है।हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा की 19 जून को होने वाली कार्यकारिणी बैठक में घोषणा कर दी जायेगी।नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे चुके मांझी के पुत्र संतोष सुमन ने इस आशय का संकेत दिया है।

पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी राज्य की सियासत में पलटी मारने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी आगे हैं। अपने 43 साल के सियासी सफर में मांझी 8 बार पला बदल चुके है। अब नौवीं बार पाला बदलने की तैयारी में हैं। मांझी ने राजनतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी।

इसके बाद जदयू, राजद, और भाजपा के साथ सत्ता में रहे। उन्होंने 1980 में राजनीति में कदम रखा था। इससे कहा जा सकता है कि मांझी किसी के नहीं हैं और सभी के हैं। राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद जल्द ही उनके एनडीए में शामिल होने की संभावना है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में घोषणा

संभवतः उनकी पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम)की 19 जून को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इसकी औपचारिक घोषणा कर दी जायेगी। नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे चुके मांझी के पुत्र संतोष सुमन ने इस आशय का संकेत दिया है। उधर पिछले काफी दिनों से मांझी को अपने पाले में फिर से लाने के लिये डोरे डाल रही भाजपा की बिहार के कोर ग्रुप की बुधवार को दिल्ली में बैठक हुई थी।

सूत्रों की मानें तो अभी तक जो बातें हुई हैं, उसके मुताबिक मांझी के पुत्र संतोष सुमन गया सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। जबकि मांझी को राज्यपाल बनाने या राज्यसभा में भेजने की बात चल रही है। मांझी बिहार में कांग्रेस, जनता दल,राजद, जदयू और भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री रह चुके हैं। मांझी हमेशा सत्ताधारी दल या गठबंधन के करीब रहे हैं।

नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था

नीतीश कुमार की पार्टी जदयू जब 2014 के लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हार गई थी तो हार की जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया था। अपने समाज (मुसहर जाति) से मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले नेता रहे हैं। मुख्यमंत्री बनने के आठ महीने बाद वह नीतीश कुमार के ही खिलाफ बोलना शुरु कर दिए थे।

मांझी के बगावती तेवर को देखते हुए फरवरी 2015 में नीतीश ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था और फिर खुद मुख्यमंत्री बन गए थे। मांझी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस से की थी। वह 1980 में गया जिले के फतेहपुर सीट से चुनाव जीत कर पहली बार विधान सभा पहुंचे थे।

चन्द्रशेखर सिंह की सरकार में 1983 में राज्य मंत्री बने

चन्द्रशेखर सिंह की सरकार में 1983 में राज्य मंत्री बने। विधान सभा के 1985 के चुनाव में दोबारा जीतने के बाद वह बिन्देश्वरी दूबे, सत्येन्द्र नारायण सिंह और जगन्नाथ मिश्र की सरकार में 1990 तक मंत्री रहे। मांझी 1990 के विधान सभा चुनाव में बतौर कांग्रेस उम्मीदवार जनता दल से हार गए थे।

मांझी जदयू में आ गये और 2014 तक नीतीश के साथ रहे

इसके बाद वह जनता दल में शामिल हो गए और लालू प्रसाद यादव के काफी करीब हो गए। लालू -राबरी सरकार में भी मांझी मंत्री रहे। उस दौरान बतौर शिक्षा मंत्री डिग्री घोटाले में नाम आने पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। राजद शासन खत्म होने और 2005 में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद मांझी जदयू में आ गये और 2014 तक नीतीश के साथ रहे।

बाद में नीतीश से मतभेद होने पर उन्होंने अपनी पार्टी "हम" बना ली। 2015 के विधान सभा चुनाव में वह भाजपा के साथ मिल कर दो सीटों पर लड़े। लेकिन एक पर वह खुद एक सीट पर हार गए। उस चुनाव में हम को सिर्फ एक सीट मिली थी।

मांझी 2020 के चुनाव में नीतीश के साथ एनडीए में थे। नीतीश के भाजपा से अलग होने के बाद मांझी भी उनके साथ महागठबंधन का हिस्सा बने थे। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी महागठबंधन सरकार में मांझी के बेटे संतोष सुमन एससी-एसटी कल्याण मंत्री थे। 

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