हाजीपुर सीट के लिए दो-दो हाथ करने को तैयार पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान, भाजपा पर टिकी हैं सबकी निगाहें
By एस पी सिन्हा | Published: July 16, 2023 03:38 PM2023-07-16T15:38:31+5:302023-07-16T15:40:01+5:30
हाजीपुर सीट को लेकर पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान दो-दो हांथ करने को तैयार दिख रहे हैं। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने एकबार फिर से हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर हुंकार भरी है।
पटना: भाजपा के प्रयास के बावजूद चाचा (पशुपति कुमार पारस) और भतीजे (चिराग पासवान) के बीच जारी कटुता कम होने का नाम नही ले रही है। एनडीए की होने वाली बैठक में दोनों आमंत्रित हैं। ऐसे में दोनों एनडीए का हिस्सा बनने जा रहे हैं। लेकिन हाजीपुर सीट को लेकर दोनों दो-दो हाथ करने को तैयार दिख रहे हैं। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने एकबार फिर से हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर हुंकार भरी है। उन्होंने दो टूक अंदाज में कहा है कि हाजीपुर में चिराग पासवान का कुछ भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि चिराग पासवान साल 2014 में जमुई से सांसद बने। ऐसे में चिराग पासवान से जमुई की जनता यह पूछ रही है कि तुम्हें हमने 9 साल तक सांसद बनाया, लेकिन अब 2024 में जमुई को छोड़कर क्यों जा रहे हो? हाजीपुर में चिराग पासवान का क्या है, वो क्यों हाजीपुर आएगा। पारस ने कहा कि चिराग पासवान कहते हैं कि हाजीपुर मेरे पिता की कर्मभूमि है। लेकिन जीवित रहते पिता ने कभी हाजीपुर से उन्हें टिकट नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान कहते थे कि चिराग पासवान मेरा बेटा जरूर है, लेकिन इस पर मुझे विश्वास नहीं है। इसलिए बड़े भाई ने मुझे ये जिम्मेदारी दी और उत्तराधिकारी चुना। तब मैं हाजीपुर से चुनाव लड़ा था। मैं हाजीपुर से चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं था। इसके साथ ही पारस ने कहा कि मेरा गठबंधन भाजपा से है। चिराग पासवान तो अभी द्वंद्व में है कि मुझे इतना सीट मिलेगा तो एनडीए में जाएंगे।
वहीं, चिराग पासवान पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि कभी उन्होंने लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के खिलाफ कुछ नहीं बोला। अपने बड़े भाई रामविलास पासवान को याद करते हुए केन्द्रीय मंत्री पारस ने कहा कि वे कहते थे कि सड़क पर वही जानवर मरता है जो यह फैसला नहीं ले पाता है कि किधर जाएं। वही स्थिति बिहार के कुछ नेताओं की है। उन्होंने कहा कि अब चुनावी वर्ष है, लिहाजा ऐसे में एनडीए चाहता है कि अधिक से अधिक दलों को जोड़ें ताकि कोई भी वोट ख़राब नहीं हो। ऐसे में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी को भी जोड़ा जा रहा है। वे बैठक में आएंगे। बैठक के बाद क्या रिजल्ट होगा, वो देखना होगा।