अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश से शिक्षा विभाग में हड़कंप, कागज पर चल रहें अंगीभूत डिग्री कॉलेजों की मान्यता पर खतरा
By एस पी सिन्हा | Published: July 21, 2023 02:25 PM2023-07-21T14:25:08+5:302023-07-21T14:26:55+5:30
अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शिक्षकों और छात्रों की ऑनलाइन हाजिरी बनाने, क्लास रूम से शिक्षकों के लिए लगी कुर्सी हटाने, स्कूलों के नियमित निरीक्षण के बाद अब विश्वविद्यालय से जुड़े संबद्ध डिग्री कॉलेजों के लिए नया निर्देश जारी किया है।
पटना: बिहार में शिक्षा विभाग इन दिनो सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। जब से केके पाठक ने अपर मुख्य सचिव का पदभार संभाला है, तब से रोजाना कोई न कोई आदेश जारी कर रहे हैं। ऐसे में केके पाठक का आदेश लापरवाही एवं मनमाने तरीके से काम करने वाले कर्मचारियों, शिक्षकों एवं संस्थानों की मुश्किलें बढा रही हैं। केके पाठक ने शिक्षकों और छात्रों की ऑनलाइन हाजिरी बनाने, क्लास रूम से शिक्षकों के लिए लगी कुर्सी हटाने, स्कूलों के नियमित निरीक्षण के बाद अब विश्वविद्यालय से जुड़े संबद्ध डिग्री कॉलेजों के लिए नया निर्देश जारी किया है।
इसके मुताबिक पढ़ाई नहीं करवाने वाले सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। इन कॉलेजों को सिर्फ परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर अनुदान नहीं दिया जाएगा बल्कि छात्रों के लिए रोजाना क्लास भी लेना होगा। जो कॉलेज ऐसा नहीं करेंगे, उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। इसको लेकर सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को आदेश जारी किया गया है।
अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने वीडियो कॉफ्रेंसिग के जरिए सभी कुलपतियों के साथ बैठक की है। इस बैठक मे उन्होंने कागज पर चल रहें अंगीभूत डिग्री कॉलेजों की मान्यता रद्द करने का आदेश दिया है। यही नहीं अपर मुख्य सचिव ने एफिलिएटेड अल्पसंख्यक कॉलेजों के लिए भी निर्देश जारी किए हैं। कागज पर छात्रों को दिखाने वाले एफिलेटेड अल्पसंख्यक कॉलेज को रद्द करने का भी आदेश दिया गया है।
पाठक ने शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों की उपस्थिति की जानकारी भी मांगी है। अंगीभूत डिग्री कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों का हाजिरी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कुलपतियों को कहा है कि सभी मान्यता प्राप्त कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों का अटेंडेंस शीट दोपहर तीन बजे तक शिक्षा विभाग को भेजें।
अटेंडेंस शीट उपलब्ध नहीं किए जाने पर कार्रवाई करने की बात कही गई है। केके पाठक के इस आदेश से राज्य के 227 सम्बद्ध कॉलेजों में हड़कंप मचा हुआ है। इन कॉलेजों में आमतौर पर ऐसे छात्रा-छात्राओं का नामांकन रहता है जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए बड़े शहरों में रहतें हैं और स्नातक की डिग्री के लिए यहां नामांकन करवातें हैं। ऐसे कॉलेजो में ये छात्र-छात्रा नामांकन, परीक्षा और रिजल्ट के समय ही जाते हैं। कुछेक छात्र-छात्रा पढाई के लिए कॉलेज जाते हैं पर रोजाना पढाई इक्के दुक्के कॉलेजों में ही होती है। केके पाठक के आदेश से संस्थान के साथ ही उन छात्रा-छात्राओं की भी मुश्किलें बढ़ेगी, क्योंकि अब उन्हें क्लास मे आने के लिए दवाब दिया जाएगा।