2011 एक सड़क दुर्घटना में उन्होंने अपना बायां पैर गंवा दिया था, लेकिन हिम्मत हारते हुए बासेल में 25 अगस्त को खेले गए बीडब्ल्यूएफ पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में महिला एकल एसएल-3 का गोल्ड मेडल जीतते हुए अपने धैर्य और दृढ़ संकल्प का लोहा मनवा लिया।
मानसी जोशी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और उन्होंने बेहद कम उम्र में बैडमिंटन खेलने की शुरुआत करने के बावजूद इसे कभी अपना प्रोफेशन के तौर पर अपनाने के बारे में नहीं सोचा था। लेकिन बैडमिंटन उनके लिए दिन भर डेस्क पर बैठे रहने के बाद खुद को फिट रहने का तरीका बन गया।
2011 में रोड ऐक्सिडेंट में गंवा था दिया अपना पैर
लेकिन 2011 में रोड ऐक्सिडेंट में अपना बायां पैर गंवाने के बाद मानसी का बैडमिंटन खिलाड़ी बनने का दृढ़ निश्चय और प्रबल हो गया।
हालांकि 2014 पैरा एशियन गेम्स में चयन न होना उनके लिए बड़ा झटका था, लेकिन इस शटलर ने उम्मीद नहीं खोई और वापसी की कोशिशों में जुटी रहीं।
उन्होंने अगले साल जोरदार वापसी करते हुए और पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने 2018 में दुनिया भर में कई प्रतियोगिताओँ में मेडल जीते, जिनमें जकार्ता में आयोजित हुए पैरा एशियन गेम्स में जीता गया ब्रॉन्ज मेडल भी शामिल है।
पैरा वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइनल में दी पूर्व हमवतन खिलाड़ी को मात
लेकिन अपने बैडमिंटन करियर का सबसे बड़ा खिताब उन्होंने पिछले रविवार को पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में हमवतन पारुल परमार को महिला सिंगल्स SL3 कैटिगरी में मात देते हुए पहली बार वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीता।
इस फाइनल से पहले मानसी के लिए चुनौतियां आसान नहीं थीं, क्योंकि पारुल इससे पहले इस साल हुए तीनों मुकाबलों में उन्हें हरा चुकी थीं।
वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में भी पुराना रिकॉर्ड खुद को दोहराता नजर आया जब मानसी ने पहले सेट में 2-7 से पिछड़ गईं, इसके बाद उन्होंने जोरदार खेल दिखाया और पहला सेट 21-12 से जीता और दूसरे सेट में तो उनका खेल और भी शानदार रहा और उन्होंने सेट 21-7 से जीतते हुए मैच अपने नाम कर लिया।
मानसी जोशी ने इस टूर्नामेंट से पहले गोपीचंद ऐकैडमी में पुलेला गोपीचंद और मुख्य कोच जक्कामपुदी राजेंद्र कुमार की निगरानी में विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लिया। मानसी ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीत के बाद माना कि गोपीचंद और राजेंद्र कुमार की कोचिंग ने ही सारा अंतर पैदा किया।
शानदार कामयाबी के बाद मानसी जोशी की लोकप्रियता में अचानक ही इजाफा हो गया है और ट्विटर पर उनके फॉलोअर्स की संख्या छह गुना बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानसी जोशी और पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में 12 मेडल जीतने वाले भारतीय दल की तारीफ करते हुए कहा कि ये 130 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व का विषय है।