इन वजहों से ट्यूबलेस टायर्स होते हैं बेहतरीन, ऐसे घटाते हैं आपकी मुसीबतें

By रजनीश | Published: March 7, 2020 09:57 AM2020-03-07T09:57:39+5:302020-03-07T12:56:22+5:30

बाजार में कई तरह के टायर्स मौजूद होते हैं। खासतौर पर दो तरह के ट्यूबलेस टायर्स और ट्यूब वाले टायर्स होते हैं। हालांकि इनकी भी कई सब कैटेगरी होती है जैसे ट्यूब वाले टायर्स ही कई कैटेगरी में आते हैं रेडियल और नॉन रेडियल। तो चलिए जानते हैं कौन सा टायर है आपके लिए बेहतर...

Tubeless Tyre Benefits of Having Tubeless Tyres in Your Car and bike | इन वजहों से ट्यूबलेस टायर्स होते हैं बेहतरीन, ऐसे घटाते हैं आपकी मुसीबतें

ट्यूबलेस टायर्स का पंक्चर बनाना भी आसान होता है। थोड़ा सा सीखने के बाद इसे आप खुद से भी बना सकते हैं।

Highlightsट्यूबलेस टायर्स जल्दी से पंक्टर नहीं होते और पंक्चर हो भी जाए तो गाड़ी का बैलेंस नहीं बिगड़ता क्योंकि इनकी हवा एकदम से नहीं बल्कि धीरे-धीरे निकलती है। पंक्चर होने पर जब टायर की हवा धीरे-धीरे निकलती है तो गाड़ी का बैलेंस भी नहीं बिगड़ता और ड्राइवर का कंट्रोल भी गाड़ी पर बना रहता है।

टायर का पंक्चर होना काफी परेशानी बढ़ाने वाला काम होता है। अगर कार या बाइक के चलते-चलते टायर पंक्टर हो जाए तो ऐसी स्थिति तो और भी खतरनाक होती है। क्योंकि चलती गाड़ी में अचानक टायर पंक्चर हो जाने से कई बार वाहन का संतुलन भी बिगड़ जाता है। इससे बड़ी दुर्घटना भी घट सकती है।

बाइक का पंक्चर हो जाना तो और ज्यादा मुसीबत बढ़ाने वाला काम है क्योंकि उसमें तो कार की तरह एक्स्ट्रा टायर (स्टेपनी) भी नहीं होता। हालांकि यदि आपके टायर में ग्रिप अच्छी है घिसे नहीं हैं तो जल्दी टायर पंक्चर नहीं होता। बात करते हैं इस समय बाजार में मौजूद ट्यूबलेस और बिना ट्यूब वाले टायर्स के बारे में कौन सा टायर इस्तेमाल करना बेहतर है...

ट्यूबलेस टायर्स 
ट्यूबलेस टायर्स के अंदर अलग से कोई ट्यूब नही होती है इसलिए इन्हें बिना ट्यूब वाला टायर भी कहा जाता है। ऐसे टायर्स में वाल्व रिम से ही जुड़ा रहता है। इन टायरों में हवा धीरे-धीरे भरी जाती है और पंक्चर हो जाने पर इसमें से हवा निकलती भी धीरे-धीरे है। 

ट्यूबलेस टायर्स की एक खासियत यह भी है कि थोड़ा सा सीखने के बाद आप खुद से इसका पंक्चर बना सकते हैं। इसका पंक्चर बनाने के लिए बहुत कम टूल की भी जरूरत होती है। कई बार तो इसका पंक्चर बनाने के लिए टायर को गाड़ी से निकालने की भी जरूरत नहीं होती है।

ट्यूबलेस टायर्स लंबी दूरी के लिए भी बेहतरीन माने जाते हैं क्योंकि ये जल्दी गर्म नहीं होते। ट्यूबलेस टायर्स जल्दी से पंक्टर नहीं होते और पंक्चर हो भी जाए तो गाड़ी का बैलेंस नहीं बिगड़ता क्योंकि इनकी हवा एकदम से नहीं बल्कि धीरे-धीरे निकलती है। यही वजह भी है ट्यूबलेस टायर्स के पंक्चर होने पर ड्राइवर को थोड़ी देर बाद टायर के पंक्चर होने का पता चल पाता है। पंक्चर होने पर जब टायर की हवा धीरे-धीरे निकलती है तो गाड़ी का बैलेंस भी नहीं बिगड़ता और ड्राइवर का कंट्रोल भी गाड़ी पर बना रहता है।

ट्यूब वाले टायर
ट्यूब वाले टायर जब पंक्चर होते हैं तो उनकी हवा तुरंत और तेजी से निकलती है। इससे चलती गाड़ी का संतुलन बिगड़ने की संभावना ज्यादा रहती है जिससे एक्सीडेंट का खतरा होता है।

ट्यूबलेस टायर्स का रख-रखाव
-टायर्स में एयर प्रेशर सही रखें और समय समय पर एयर प्रेशर चेक कराते रहें।
-खराब रास्तों पर गाड़ी चलाने से बचें। ऐसा करने से टायर की लाइफ तो बढ़ेगी ही साथ ही आपकी गाड़ी का माइलेज भी बेहतर होगा। 
-हमेशा ओरिजिनल टायर्स ही खरीदें, लोकल टायर बिलकुल न लगवाएं।
-पुराने टायर्स पर नई ग्रिप चढ़ा कर बेंचने वालों से सावधान रहें। ऐसे टायर्स आपको सस्ते दाम में मिल तो जाते हैं लेकिन सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक साबित हो सकते हैं। ऐसे टायर्स अक्सर हाइवे पर फट हो जाते हैं। 
-प्रयास करें की टायरों में नाइट्रोजन हवा ही भरवाएं। जिन टायरों में नाइट्रोजन हवा का इस्तेमाल होता है वो जल्दी गर्म नहीं होते। कम गर्म होने के चलते ये टायर जल्दी फटते भी नहीं। 

Web Title: Tubeless Tyre Benefits of Having Tubeless Tyres in Your Car and bike

हॉट व्हील्स से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे