पेट्रोल-डीजल और CNG नहीं अब HCNG से चलेंगी कार, बस, ट्रक, मिलेगा बेहतर माइलेज
By रजनीश | Published: July 26, 2020 06:33 AM2020-07-26T06:33:01+5:302020-07-26T06:33:01+5:30
पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों से होने वाले प्रदूषण के चलते और नए ईंधन विकल्पों को लेकर लंबे समय से तरह-तरह के प्रयास जारी हैं। इसी के विकल्प के तौर पर सीएनजी को अपनाया गया। अब एचसीएनजी को उपयोग में लाने की बात चल रही है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट ऑर्डर जारी किया है जिसमें ऑटोमोबाइल ईंधन के रूप में हाइड्रोजन एनरिच्ड कॉम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (एचसीएनजी-HCNG) या कहें हाइड्रोजन सीएनजी को शामिल करने पर सुझाव मांगे गए हैं। इससे केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1979 में संशोधन होगा।
वैकल्पिक ईंधन की तलाश
दरअसल नए वैकल्पिक ईंधनों पर देश में समय-समय पर चर्चा होती रही है। यही वजह है कि पेट्रोल-डीजल के अलावा सीएनजी एक विकल्प के तौर पर सामने आया। अब HCNG को लेकर सुझाव मांगे गए हैं।
HCNG में होता है हाइड्रोजन का मिश्रण
एचसीएनजी एक तरह से सीएनजी ही है लेकिन इसमें हाइड्रोजन मिलाया जाता है। एचसीएनजी में 18 प्रतिशत हाइड्रोजन मिला होता है। यह मिश्रण उन भारी वाहनों के लिए भी उपयोग में लाया जा सकेगा जो सीएनजी से चलते हैं।
ईंधन में CNG को सबसे ज्यादा व्यवहारिक माना गया है, खास कर तब जब देश के कई शहरों में सीएनजी स्टेशनों का एक मजबूत नेटवर्क और इंफ्रास्ट्रक्चर है।
कम होगा जहरीला उत्सर्जन
एक्सप्रेस ड्राइव की खबर के मुताबिक रिसर्चर्स का दावा है कि HCNG में इस्तेमाल कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), मीथेन, और हाइड्रोकार्बन (THC) के उत्सर्जन को कम करने का गुण है। यह ईंधन की खपत के मामले में सीएनजी से भी बेहतर है।
HCNG किट के साथ रेट्रोफिटेड 50 बसों के साथ दिल्ली में शुरुआती पायलट परीक्षण होगा। दरअसल पायलट प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली को इसलिए भी चुना जा सकता है, क्योंकि यहां सीएनजी बसों, सीएनजी पंपों का बड़ा नेटवर्क है। और बहुत थोड़े से बदलाव के साथ एचसीएनजी को रोल आउट किया जा सकता है।