चिंता बढ़ाने वाली रिपोर्ट, तेजी से घट रही दुनियाभर में वन्यजीव आबादी, 1970 के बाद 69 प्रतिशत की गिरावट

By भाषा | Published: October 13, 2022 10:01 AM2022-10-13T10:01:58+5:302022-10-13T10:06:31+5:30

विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की ‘लिविंग प्लैनेट’ रिपोर्ट (एलपीआर)-2022 की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि लातिन अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्र में वन्यजीवों की आबादी में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है। अफ्रीका और एशिया भी अछूते नहीं हैं।

Worldwide wildlife population has declined by 69 percent since 1970 says report | चिंता बढ़ाने वाली रिपोर्ट, तेजी से घट रही दुनियाभर में वन्यजीव आबादी, 1970 के बाद 69 प्रतिशत की गिरावट

1970 के बाद वन्यजीव आबादी में 69 प्रतिशत की गिरावट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsविश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की ‘लिविंग प्लैनेट’ रिपोर्ट (एलपीआर)-2022 की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे।अफ्रीका में वन्यजीवों की आबादी 66 फीसदी और एशिया प्रशांत में 55 फीसदी घटी है।ताजे पानी वाले क्षेत्रों में रह रहे वन्यजीवों की आबादी में औसतन 83 प्रतिशत अधिक गिरावट आई है।

नयी दिल्ली: दुनियाभर में निगरानी वाली वन्यजीव आबादी में साल 1970 से 2018 के बीच 69 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है। विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की ‘लिविंग प्लैनेट’ रिपोर्ट (एलपीआर) 2022 में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट कुल 5,230 नस्लों की लगभग 32,000 आबादी पर केंद्रित है।

इसमें प्रदान किए गए ‘लिविंग प्लैनेट सूचकांक’ (एलपीआई) के मुताबिक, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के भीतर वन्यजीवों की आबादी चौंका देने वाली दर से घट रही है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘वैश्विक स्तर पर लातिन अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्र में वन्यजीवों की आबादी में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है। पांच दशकों में यहां औसतन 94 प्रतिशत की गिरावट आई है।’’

अफ्रीका में वन्यजीवों की आबादी 66 फीसदी घटी

रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ्रीका में वन्यजीवों की आबादी 66 फीसदी और एशिया प्रशांत में 55 फीसदी घटी है। अन्य नस्लों के समूहों की तुलना में ताजे पानी वाले क्षेत्रों में रह रहे वन्यजीवों की आबादी में औसतन 83 प्रतिशत अधिक गिरावट आई है। आईयूसीएन की लाल सूची के मुताबिक, साइकैड की आबादी पर सबसे ज्यादा खतरा है, जबकि कोरल (प्रवाल) सबसे तेजी से घट रहे हैं और उनके बाद उभयचर का स्थान आता है।

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने कहा कि पर्यावास की हानि और प्रवास के मार्ग में आने वाली बाधाएं प्रवासी मछलियों की नस्लों के समक्ष आए लगभग आधे खतरों के लिए जिम्मेदार हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वन्यजीवों की आबादी में गिरावट के मुख्य कारण वनों की कटाई, आक्रामक नस्लों का उभार, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और विभिन्न बीमारियां हैं।

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ अंतरराष्ट्रीय के महानिदेशक मार्को लैम्बर्टिनी ने कहा, ‘‘हम मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के नुकसान की दोहरी आपात स्थिति का सामना कर रहे हैं, जो वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए खतरा साबित हो सकती है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इस नए आकलन से बेहद चिंतित है।’’

Web Title: Worldwide wildlife population has declined by 69 percent since 1970 says report

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