शरणार्थी संकट से बचने के लिये विश्व को अफगान तालिबान से वार्ता करने की आवश्यकता: पाक एनएसए

By भाषा | Updated: September 11, 2021 21:49 IST2021-09-11T21:49:12+5:302021-09-11T21:49:12+5:30

World needs to hold talks with Afghan Taliban to avoid refugee crisis: Pak NSA | शरणार्थी संकट से बचने के लिये विश्व को अफगान तालिबान से वार्ता करने की आवश्यकता: पाक एनएसए

शरणार्थी संकट से बचने के लिये विश्व को अफगान तालिबान से वार्ता करने की आवश्यकता: पाक एनएसए

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 11 सितंबर पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोईद युसूफ ने शनिवार को कहा कि दुनिया को अफगानिस्तान में तालिबान के साथ रचनात्मक बातचीत करने की जरूरत है ताकि शासन व्यवस्था को ध्वस्त होने से बचाया जा सके तथा एक और शरणार्थी संकट को टाला जा सके।

सेंटर फॉर एयरोस्पेस एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीएएसएस) इस्लामाबाद द्वारा 'अफगानिस्तान का भविष्य एवं स्थानीय स्थायित्व: चुनौतियां, अवसर और आगे की राह' विषय पर आयोजित एक वेबिनार में उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा अफगानिस्तान को फिर से अलग-थलग छोड़ना एक गलती होगी।

एक बयान में यूसुफ के हवाले से कहा गया है कि अफगानिस्तान में सोवियत-अफगान मुजाहिदीन संघर्ष के बाद पश्चिमी दुनिया ने अफगानिस्तान को अलग-थलग छोड़ने और इसके ''घनिष्ट सहयोगियों'' पर पाबंदियां लगाकर भयावह गलतियां कीं।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश था जिसने अफगानिस्तान को उसके हाल पर छोड़ने और उसके बाद आतंकवाद के खिलाफ युद्ध का खामियाजा उठाया।

यूसुफ ने कहा कि दुनिया को अफगान तालिबान के साथ रचनात्मक वार्ता करने की जरूरत है ताकि शासन के पतन को रोका जा सके और एक और शरणार्थी संकट को टाला जा सके।

युसूफ ने कहा कि पाकिस्तान एक स्थिर और शांतिपूर्ण अफगानिस्तान के लिए दुनिया के साथ समन्वय कर रहा है।

चीन के 'चेंगदू वर्ल्ड अफेयर्स इंस्टिट्यट' के अध्यक्ष लॉन्ग जिंगचुन ने कहा कि पड़ोसी देशों को अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में अग्रणी भूमिका निभानी होगी।

उन्होंने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक सहयोग (सीपीईसी) की पहल को अफगानिस्तान तक बढ़ाया जाना चाहिए और ग्वादर बंदरगाह अफगान अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।

रूसी भू-राजनीतिक विशेषज्ञ, लियोनिद सेविन ने कहा कि हाल में अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण ने क्षेत्रीय राजनीतिक गतिशीलता को बदल दिया है और इसका वैश्विक राजनीति पर प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि रूस नयी सरकार को मान्यता दे सकता है यदि चीन पहले ऐसा करता है।

सलाम विश्वविद्यालय, काबुल के प्रोफेसर फजल-उल-हादी वज़ीन ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान को घेरना नहीं चाहिए और नयी सरकार को शासन करने का मौका देना चाहिए। जबकि अफगान तालिबान को भी अपने वादों को निभाना चाहिये। सुलह का दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और बल के प्रयोग से बचना चाहिए।

कायदे आजम विश्वविद्यालय, इस्लामाबाद के सैयद कांदी अब्बास ने कहा कि पाकिस्तान और ईरान दोनों भविष्य में एक समावेशी और स्थायी अफगान सरकार की उम्मीद करते हैं।

उन्होंने कहा कि मौजूदा अंतरिम सरकार समावेशी नहीं है और कुल 34 में से केवल तीन गैर-पश्तून व्यक्तियों को इसमें शामिल किया है।

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Web Title: World needs to hold talks with Afghan Taliban to avoid refugee crisis: Pak NSA

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