वर्ल्ड ब्रेल डे: दृष्टिहीनों की जिंदगी में लुई ब्रेल ने भरा था शिक्षा का रंग, पढ़े उनसे जुड़े कुछ किस्से

By मेघना वर्मा | Published: January 4, 2019 12:05 PM2019-01-04T12:05:58+5:302019-01-04T12:05:58+5:30

लुई को स्कूल आये सैनिको नें उन्हें नाइट राइटिंग या सोनोग्राफी के बारे में बताया। इस लिपि में कागज पर अक्षरों को उभारकर दिखाया जाता है।

world braille day 2019 know about louis braille who invented the braille script for blind | वर्ल्ड ब्रेल डे: दृष्टिहीनों की जिंदगी में लुई ब्रेल ने भरा था शिक्षा का रंग, पढ़े उनसे जुड़े कुछ किस्से

वर्ल्ड ब्रेल डे: दृष्टिहीनों की जिंदगी में लुई ब्रेल ने भरा था शिक्षा का रंग, पढ़े उनसे जुड़े कुछ किस्से

हम अक्सर कुद की जिंदगी को कोसते रहते हैं। लाइफ ने ये गेम खेला, मेरी जिंदगी बेकार है जैसी बातें बे-फिजूल ही करते हैं। जरा खुद को इतर रखकर उन लोगों के बारे में सोचिए जो इस जिंदगी के किसी भी रंग को नहीं देख पा रहे। जिनकी जिंदगी रंगहीन ही है मगर दृष्टीहीन लोगों की जिंदगी में शिक्षा का रंग लाने वाली थी लुई ब्रेल। जी हां आज है वर्ल्ड ब्रेल डे। हर साल लुई ब्रेल के जयंती के मौके पर पूरे विश्व में ब्रेल दिवस मनाया जाता है। लुई ब्रेल ने दृष्टिहीन लोगों के लिए लिपि विकसित का नाम दिया था जिसे बाद में ब्रेल लिपि का नाम दिया गया। 



 

4 जनवरी 1809 को ब्रेल का जन्म फ्रांस की राजधानी पेरिस से 40 किमी दूर कूपर गांव में हुआ था। चार भाई-बहनों में लूई सबसे छोटी थीं। बताया जाता है कि बचपन में खेलते-खेलते उनकी आंखों में चोट लग गई थी। जिसकी वजह से उनकी आंखें भी जख्मी हो गई थी। इसी घटना के बाद से लुई की आंखों की रोशनी चली गई थी। धीरे-धीरे इन्फेक्शन के कारण उनकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई। जब वह दस साल की हुई तो उनके पिता ने उन्हें पेरिस के रॉयल नेशनल इंस्ट्टीट्यूट फॉर ब्लाइंड चिल्डरेन में भर्ती करा दिया था। 



 

उस वक्त वह वेलन्टीन के बनाई हुई लिपि से पढ़ाई करती थी मगर तब तक भी उस लिपि में कुछ कमियां थीं। इसके बाद लुई को स्कूल आये सैनिको नें उन्हें नाइट राइटिंग या सोनोग्राफी के बारे में बताया। इस लिपि में कागज पर अक्षरों को उभारकर दिखाया जाता है। बस इसी के बाद लुई ने इसी आधार पर 12 के बजाय केवल 6 बिंदुओं का इस्तेमाल कर 64 अक्षर और चिन्ह बनाये। 

इन्हीं 64 अक्षरों की सहायता से आज दृष्टिहीन लोग अपनी शिक्षा को ग्रहण करते हैं। 6 जनवरी 1852 में मात्र 43 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। उनकी मौत के 16 साल 1868 में रॉयल इंस्टिट्यूट फॉर ब्लाइंड यूथ ने इस लिपि को मान्यता दी और ये लिपि ब्रेल लिपि के नाम से पुकारी जाने लगी।  

Web Title: world braille day 2019 know about louis braille who invented the braille script for blind

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