दूसरे विश्वयुद्ध में नाजी सैनिक द्वारा यहूदी घड़ीसाज से छीनी गई घड़ी 80 साल बाद लौटाई गई मालिक के वंशजों को
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 17, 2022 05:29 PM2022-04-17T17:29:25+5:302022-04-17T17:32:53+5:30
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाजी सैनिक द्वारा यहूदी घड़ीसाज की छीनी गई जेबघड़ी 80 साल बाद उसके मालिक के वंशजों को लौटायी गयी है।
दिल्ली: हिटलर के नाजी सैनिकों द्वारा दूसरे विश्व युद्ध में छीनी गयी एक जेबघड़ी बेल्जियम में एक मक्के के खेत में मिली जिसे बाद में एक सन्दूक में छिपा दिया गया।
यह जेबघड़ी 80 साल बाद उसके मालिक के वंशजों को लौटायी गयी है। 1942 में छीनी गयी यह घड़ी अब भी काम करती है। घड़ी को इसके मालिक के प्रपौत्रों को लौटाया गया है।
इस जेबघड़ी को नीदरलैण्ड के घड़ीसाज एल्फ्रेड ओवरस्ट्रीज्ड ने 1910 में बनाया था। यहूदी समुदाय के एल्फ्रेड रोट्रेडम शहर में रहते थे। उस समय वह घड़ी बनाना सीख रहे थे।
उन्होंने अपने भाई लुईस के 18वें जन्मदिन पर उपहार के रूप में देने के लिए यह घड़ी बनायी थी। घड़ी के पिछले हिस्से पर इसे बनाने वाले का नाम, बनाने का दिन और समय अंकित है। घड़ी पर यह भी अंकित है कि यह एल्फ्रेड के भाई के लिए बनायी गयी है।
सन् 1942 में लुईस ओवरस्ट्रीज्ड को नाजियों ने गिरफ्तार कर लिया था। डच इतिहासकार रॉब स्नाजडर के अनुसार एक नाजी सैनिक ने लुईस से उनकी घड़ी ले ली थी। एल्फ्रेड और लुईस दोनों भाइयों को नाजियों ने आस्टविट्ज के यातनाशिविर में भेज दिया था जहाँ दोनों की मृत्यु हो गयी।
एल्फ्रेड और लुईस के प्रपौत्र रिचर्ड वान अमेज्दिेन ने घड़ी मिलने पर न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार से कहा कि इस घड़ी का लौटकर आना बेहद खूबसूरत और यादगार लम्हा है।
यह जेबघड़ी रोट्रेडम से बेल्जियम के एक मक्के के खेत में कैसे पहुँची इसके बारे में ज्यादा मालूमात नहीं है। इतिहासकार रॉब के अनुसार दूसरे विश्व युद्ध में बेल्जियम और नीदरलैण्ड को नाजी सैनिकों को ठिकाा देना पड़ा था।
बेल्जियम के एक किसान गुस्ताव को तीन नाजी सैनिकों को रिहाइश देने पड़ी थी और इसको लेकर नाखुश था। उसने इन सैनिकों को अपने घर के बगल के मक्के के खेतों में शौच इत्यादि करने के लिए कहा था। रॉब के अनुसार इन सैनिकों के इस किसान के घर में प्रवास के दौरान ही यह घड़ी मक्के के खेत में गिर गयी होगी।