पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल को होगी वोटिंग, जानें कब शुरू होगी चर्चा
By मनाली रस्तोगी | Updated: March 29, 2022 17:17 IST2022-03-29T17:15:02+5:302022-03-29T17:17:07+5:30
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख रशीद अहमद ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा 31 मार्च को नेशनल असेंबली में शुरू होगी, जबकि अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल को मतदान होगा।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल को होगी वोटिंग, जानें कब शुरू होगी चर्चा
इस्लामाबाद: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा 31 मार्च को नेशनल असेंबली में शुरू होगी। इसके अलावा अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल को मतदान होगा। पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख रशीद अहमद ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह जानकारी साझा की।
इसके साथ ही ने प्रधान मंत्री के साथ अपना समर्थन दोहराया और साथ ही अविश्वास प्रस्ताव पर सत्तारूढ़ पीटीआई सरकार को समर्थन के लिए पीएमएल-क्यू में किसी भी तरह के झगड़े के बारे में किसी भी रिपोर्ट का खंडन किया।
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, रशीद ने पीएमएल-क्यू के रुख की प्रशंसा की और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एमक्यूएम-पी भी सरकार का समर्थन करेगी। शेख रशीद ने कहा कि सुरक्षा बलों ने नापाक मंसूबों को पनाह देने वाले चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार आतंकवादियों पर आतंकवाद विरोधी अदालतों में मुकदमा चलाया जाएगा।
रशीद ने कहा कि शांतिपूर्ण जनसभा के बाद अब सुरक्षा के लिए लगाए गए कंटेनरों को हटा दिया गया है और सड़कों को यातायात के लिए साफ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पीएम की रैली में उमड़ी भारी भीड़ बताती है कि पूरा देश पीएम के साथ खड़ा है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली में कुल 161 मतों के साथ पेश किए जाने के बाद, कार्यवाही 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी दलों द्वारा 8 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। विपक्ष को भरोसा है कि उसका प्रस्ताव पारित किया जाएगा क्योंकि पीटीआई के कई विधायक पीएम इमरान खान के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं। बताते चलें कि पाकिस्तान की 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में पीटीआई के 155 सदस्य हैं और उसे सत्ता में बने रहने के लिए कम से कम 172 सांसदों के समर्थन की जरूरत है।