लॉस एंजिल्स: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पाकिस्तान को दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक बताया, जिसके पास बिना किसी सामंजस्य के परमाणु हथियार हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये टिप्पणी लॉस एंजिल्स (कैलिफोर्निया) में एक डेमोक्रेटिक कांग्रेसनल कैंपेन कमेटी रिसेप्शन में की, जिसके दौरान उन्होंने चीन और रूस दोनों को फटकार लगाई।
पाकिस्तान पर यह टिप्पणी उस समय की गई जब बाइडन चीन और रूस के संबंध में अमेरिकी विदेश नीति के बारे में बात कर रहे थे। बाइडन ने यह कहकर निष्कर्ष निकाला कि वह पाकिस्तान को दुनिया का सबसे खतरनाक देश मानते हैं। व्हाइट हाउस ने बाइडन के हवाले से कहा, "यह एक आदमी (शी जिनपिंग) है जो समझता है कि वह क्या चाहता है, लेकिन उसके पास समस्याओं की एक विशाल श्रृंखला है। हम इसे कैसे संभालते हैं?"
उन्होंने आगे कहा, "रूस में जो हो रहा है, उसके सापेक्ष हम उस सापेक्ष को कैसे संभालेंगे? और मुझे लगता है कि शायद पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है, जहां बिना किसी सामंजस्य के परमाणु हथियार हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की टिप्पणी को अमेरिका के साथ संबंध सुधारने के शहबाज शरीफ सरकार के प्रयास के लिए एक झटके के रूप में देखा जा सकता है।
बाइडन ने कहा कि 21वीं सदी की दूसरी तिमाही में अमेरिका के लिए गतिशीलता को बदलने के लिए बहुत अधिक अवसर थे। उन्होंने कहा, "दोस्तों बहुत कुछ चल रहा है। बहुत कुछ हो रहा है। लेकिन अमेरिका के लिए 21वीं सदी की दूसरी तिमाही में गतिशीलता को बदलने के लिए बहुत अधिक अवसर हैं।" ये टिप्पणियां अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जारी होने के दो दिन बाद आई हैं। 48 पन्नों के इस दस्तावेज में पाकिस्तान का जिक्र नहीं है।
बुधवार को बाइडन प्रशासन ने चीन और रूस दोनों द्वारा अमेरिका के लिए खतरे को रेखांकित करते हुए कांग्रेस द्वारा अनिवार्य प्रमुख नीति दस्तावेज जारी किया। राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में कहा गया है कि चीन और रूस जिन्होंने इस साल की शुरुआत में बिना सीमा के साझेदारी की घोषणा की थी, वे एक-दूसरे के साथ तेजी से जुड़े हुए हैं, लेकिन उनके सामने जो चुनौतियां हैं, वे अलग हैं।
दस्तावेज में ये भी कहा गया कि हम अभी भी बेहद खतरनाक रूस को बाधित करते हुए पीआरसी पर एक स्थायी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बनाए रखने को प्राथमिकता देंगे। नीति दस्तावेज का तर्क है कि चीन के साथ प्रतिस्पर्धा हिंद-प्रशांत में सबसे अधिक स्पष्ट है, लेकिन यह तेजी से वैश्विक भी है। अमेरिकी सुरक्षा रणनीति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अगले दस वर्ष चीन के साथ प्रतिस्पर्धा का एक निर्णायक दशक होगा।