यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिलः माइक पोम्पियो बोले-हम महान लोकतंत्र, वैश्विक शक्तियां और अच्छे दोस्त हैं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 24, 2020 04:43 PM2020-07-24T16:43:14+5:302020-07-24T16:46:21+5:30
अमेरिका के विदेश सेक्रेटरी माइक पोम्पियो ने स्वीकार किया कि अमेरिका और भारत को हमारे देशों, क्षेत्र और दुनिया की चुनौतियों की साझा समझ पहले से कहीं अधिक है। सेक्रेटरी ने कहा ‘‘चुनौतियों की व्यापकता चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा उत्पन्न की गई है।’’
वॉशिंगटन/नई दिल्लीः अमेरिका के विदेश सेक्रेटरी माइक पोम्पियो ने कहा कि भारत ने अमेरिका समेत दुनिया भर के कई देशों का भरोसा अर्जित किया है। अमेरिका भारत व्यवसाय परिषद (यूएसआईबीसी) द्वारा आयोजित वार्षिक ‘भारत विचार शिखर सम्मेलन’ को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए पोम्पियो ने कहा कि अमेरिका और भारत दुनिया में सबसे पुराने और सबसे अधिक जनसंख्या वाले लोकतंत्र हैं।
दोनों देश ‘‘स्वतंत्रता की आवाज, कानून के शासन, और मानव अधिकारों के प्रति गहरी श्रद्धा को साझा करते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत कुछ विश्वसनीय, समान विचारधारा वाले देशों में से एक है जो सभी वैश्विक मामलों पर अमेरिका का सहयोग करता है। उन्होंने अमेरिका-भारत व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के तीन उल्लेखनीय पहलुओं को रेखांकित किया और उन तरीकों का पूर्वावलोकन किया जिससे हमारे संबंध और अधिक मजबूत हो सकते हैं।
पोम्पियो ने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों में एक नये युग की आकांक्षा रखता है। उन्होंने कहा, “हम सिर्फ द्विपक्षीय आधार पर बातचीत नहीं करते हैं। हम एक दूसरे को देखते हैं कि हम महान लोकतंत्र, वैश्विक शक्तियां और वास्तव में अच्छे दोस्त हैं।
भारत उन कुछ भरोसेमंद देशों में से एक है
भारत उन कुछ भरोसेमंद देशों में से एक है, जहां के नेताओं से मैं महाद्वीपों को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दे पर सलाह व परामर्श के लिये नियमित तौर पर बात करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हमारा रिश्ता केवल मजबूत हो रहा है। आइये इस मौजूदा चुनौती से पहले की तुलना में अधिक लचीला और अभिनव बनकर बाहर आते हैं।
दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच सहयोग को गहरा करने के लिये इस पल का लाभ उठाते हैं।’’ अमेरिका और भारत जैसे लोकतंत्र का साथ मिलकर काम करना महत्वूपूर्ण है, खासकर तब जब वे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के द्वारा उत्पन्न चुनौतियों को पहले की तुलना में स्पष्ट तरीके से देख पा रहे हैं।
जैसा कि यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल ने अमेरिका और भारत के बीच व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों की मजबूती के 45 साल का जश्न मनाया है, सेक्रेटरी पोम्पियो ने अमेरिका-भारत की उत्तरोत्तर बढ़ती साझेदारी और ‘‘हमारे संबंधों में महत्वाकांक्षा के नए युग’’ की अमेरिका की कामना पर वक्तव्य दिया।
साझा चुनौतियों को स्वीकार करना
पोम्पियो ने स्वीकार किया कि अमेरिका और भारत को हमारे देशों, क्षेत्र और दुनिया की चुनौतियों की साझा समझ पहले से कहीं अधिक है। सेक्रेटरी ने कहा ‘‘चुनौतियों की व्यापकता चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा उत्पन्न की गई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आधारभूत परियोजनाएं, हमारी आपूर्ति श्रृंखलाएं, हमारी संप्रभुता और हमारे लोगों का स्वास्थ्य और सुरक्षा, खतरे में हैं।’’
सेक्रेटरी पोम्पियो ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा शुरू की गई हाल की झड़पों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘सीसीपी के अस्वीकार्य व्यवहार के यह सिर्फ नवीनतम उदाहरण हैं।’’ सेक्रेटरी ने 20 भारतीय सैनिकों की मृत्यु पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और अपने पड़ोसियों के प्रति चीन के बढ़ते आक्रामक रुख से निपटने के लिए लोकतंत्रों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
एक साथ मिलकर समाधान करना
व्यावहारिक तरीके जो अमेरिका-भारत संबंध हमारे साझा हितों की रक्षा कर सकते हैं, सेक्रेटरी पोम्पियो ने बहुपक्षीय कूटनीति में भारत की साझेदारी का स्वागत किया - इसे ‘‘राष्ट्रपति ट्रम्प की विदेश नीति का एक प्रमुख स्तंभ’’ बताया। सेक्रेटरी ने विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के चुनाव पर अमेरिका और भारत के मिलकर कार्य करने की प्रशंसा की। मिलकर हमारे देशों ने यह सुनिश्चित किया कि संगठन के नए महानिदेशक बौद्धिक संपदा अधिकारों का सम्मान करेंगे, और अमेरिका ने इस पद पर श्री डैरन तांग के चुनाव का स्वागत किया।
सेक्रेटरी पोम्पियो ने बहुपक्षीय कूटनीति में भारत के महत्व का बढ़ाते हुए कहा कि अमेरिका और भारत ने जापान और आस्ट्रेलिया के साथ मिलकर चतुष्कोण को पुनर्जीवित किया है। सेक्रेटरी ने समान विचारधारा वाले देशों के समूह में भारत की भागीदारी पर भी प्रकाश डाला, जिसे वह साझा हितों को आगे बढ़ाने के लिए नियमित रूप से बुलाते हैं।
भविष्य को देखते हुए, सेक्रेटरी पोम्पियो ने अगली जी 7 बैठक में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया है। सेक्रेटरी ने देशों और संगठनों के समूह जो साझा मूल्यों के आधार पर हमारे प्राकृतिक साझेदार हैं उनकी आर्थिक समृद्धि नेटवर्क को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका और भारत के लिए जी 7 की प्राथमिकता का पूर्वावलोकन किया।
एक उज्जवल भविष्य का निर्माण
अमेरिका और भारत मजबूत संबंधों का लाभ उठा रहे हैं जो हाल के वर्षों में काफी बढ़ गया है, और सेक्रेटरी पोम्पियो ने भारत से अमेरिका के साथ और भी अधिक निकटता से काम करने के अवसरों का लाभ उठाने का आग्रह किया। यह देखते हुए कि दुनिया कोविड-19 महामारी से उबरने के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाना चाहती है, सेक्रेटरी ने कहा कि भारत के पास दूरसंचार और चिकित्सा आपूर्ति जैसे क्षेत्रों में चीनी कंपनियों पर अपनी निर्भरता कम करने का अवसर है।
जैसा कि भारतीय नीति-निर्माताओं ने अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को पुन: परिभाषित किया है, सेक्रेटरी पोम्पियो ने भारत से हाल के इतिहास और मुक्त बाजारों की शक्ति को ‘‘गरीबी से लोगों को बाहर निकालने के सबसे अच्छे तरीके’’ के रूप में याद रखने का आग्रह किया।
ब्लू डॉट नेटवर्क को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका के साथ काम करने हेतु भारत को आमंत्रित किया
सेक्रेटरी ने ब्लू डॉट नेटवर्क को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका के साथ काम करने हेतु भारत को आमंत्रित किया, जो उच्च गुणवत्ता वाले, पारदर्शी बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने की एक योजना है। आर्थिक सुधार में निजी क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कोविड-19 महामारी से उबरने वाले देशों के रूप में यह योजना ‘‘महत्वपूर्ण’’ है। सेक्रेटरी ने भारत को व्यापार निवेश बढ़ाने के लिए अधिक खुला वातावरण बनाने को प्रोत्साहित किया।
सेक्रेटरी पोम्पियो ने ‘‘कठोर परिश्रम और उद्यमशीलता की भावना’’ पर प्रकाश डाला जिसे भारतीय और अमेरिकी साझा करते हैं। आइए इस मौजूदा चुनौती से उभरें पहले से अधिक लचीलापन और नवप्रवर्तन लाएं। और दुनिया के दो महान लोकतंत्रों के बीच सहयोग गहरा करने के लिए इस पल को थाम लें।