ईरान समर्थक काफिले पर एयर स्ट्राइक से अमेरिका का इनकार, कहा- हमने नहीं दिया इस हमले को अंजाम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 4, 2020 12:28 PM2020-01-04T12:28:22+5:302020-01-04T12:29:32+5:30

सुलेमानी के अंतिम संस्कार से पहले इराक में ईरान समर्थक काफिले पर हवाई हमला किया गया था। ईराक में अमेरिकी सेना ने कहा कि उन्होंने शनिवार को बगदाद में किसी एयर स्ट्राइक को अंजाम नहीं दिया है।

US denies latest airstrikes: US-led coalition in Iraq says it did not carry out Saturday’s airstrikes near Taj stadium in Baghdad | ईरान समर्थक काफिले पर एयर स्ट्राइक से अमेरिका का इनकार, कहा- हमने नहीं दिया इस हमले को अंजाम

ईरान समर्थक काफिले पर एयर स्ट्राइक से अमेरिका का इनकार, कहा- हमने नहीं दिया इस हमले को अंजाम

Highlights इराकी सरकारी टीवी चैनल ने बताया कि यह हमला अमेरिका ने किया था। जनरल सुलेमानी (62) को अयातुल्ला खामेनी के बाद ईरान में सबसे ताकतवर माना जाता था।

शनिवार को बगदाद के ताज स्टेडियम के निकट ईरान समर्थक काफिले पर हवाई हमला किया गया था। इसके हमले के पीछे अमेरिका के होने की बात सामने आ रही थी लेकिन अमेरिकी सेना ने इससे इनकार किया है। रायटर्स के मुताबिक एक प्रवक्ता ने कहा कि ईराक में अमेरिका नेतृत्व वाली सेना ने पूर्वी बगदाद में फिलहाल किसी हवाई हमले को अंजाम नहीं दिया है।  

आपको बता दें कि अमेरिका ने ईरान की कुद्स सेना के जनरल कासिम सुलेमानी को निशाना बनाकर शुक्रवार को ड्रोन हमला किया था। इसमें सुलेमानी समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।

 ड्रोन हमले के करीब 24 घंटे बाद एक और हमले में इराकी अर्द्धसैन्य नेटवर्क हशद अल शाबी के काफिले को निशाना बनाया गया। इस नेटवर्क के शिया बहुल धड़ों के ईरान से निकट संबंध हैं। समूह ने अपने बयान में हमले की जानकारी दी लेकिन यह नहीं बताया कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। हालांकि इराकी सरकारी टीवी चैनल ने बताया कि यह हमला अमेरिका ने किया था। 

एक पुलिस सूत्र ने बताया कि बमबारी में हशद के काफिले को निशाना बनाया गया और जिसमें कई लोग ‘‘हताहत’’ हुए। उन्होंने मरने वालों की सटीक संख्या नहीं बताई। इस संबंध में अमेरिका ने कोई तत्काल टिप्पणी नहीं की है। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के शक्तिशाली कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की शुक्रवार को मौत हो गई थी।

जनरल सुलेमानी (62) को अयातुल्ला खामेनी के बाद ईरान में सबसे ताकतवर माना जाता था। उनका कुद्स फोर्स ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक इकाई था जो सीधे-सीधे अयातुल्ला को रिपोर्ट करता है। इस हमले में रेवोल्यूशनरी गार्ड्स और हशद के पांच-पांच सदस्य मारे गए थे।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर

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