U.N. General Assembly: रचा इतिहास, 75 वर्ष में पहली बार न्यूयॉर्क नहीं जाएंगे विभिन्न देशों के नेता, जानिए कारण
By भाषा | Updated: July 23, 2020 18:15 IST2020-07-23T18:05:08+5:302020-07-23T18:15:07+5:30
“प्रत्येक सदस्य देश, पर्यवेक्षक देश और यूरोपीय संघ अपने राष्ट्राध्यक्ष, उपराष्ट्रपति, युवराज या राजकुमारी, शासन प्रमुख, मंत्री या उपमंत्री के बयान का रिकॉर्ड किया हुआ वीडियो भेजेंगे जिसे संयुक्त राष्ट्र के 75वें वर्षगांठ सत्र में काम चर्चा के दौरान असेंबली हाल में उनके प्रतिनिधियों के परिचय के बाद प्रसारित किया जाएगा।”

एहतियाती कदम कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए हैं। (file photo)
संयुक्त राष्ट्रःसंयुक्त राष्ट्र ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर महासभा सत्र सितंबर में पूरी तरह से ऑनलाइन आयोजित करने का फैसला किया है और 75 वर्ष के इतिहास में पहली बार विभिन्न देशों के नेता सत्र में शामिल होने न्यूयॉर्क नहीं जाएंगे बल्कि रिकॉर्ड किए गए अपने वीडियो वक्तव्य भेजेंगे।
संयुक्त राष्ट्र महासभा का 75वां सत्र 15 सितंबर को शुरु होगी। सत्र की शुरुआत में ‘आम चर्चा’ आयोजित की जाती है जो आम तौर पर एक सप्ताह तक चलती है। इसमें संघ के 193 सदस्य देशों के नेता दुनिया को संबोधित करते हैं। महासभा ने बुधवार को यह निर्णय लिया कि “प्रत्येक सदस्य देश, पर्यवेक्षक देश और यूरोपीय संघ अपने राष्ट्राध्यक्ष, उपराष्ट्रपति, युवराज या राजकुमारी, शासन प्रमुख, मंत्री या उपमंत्री के बयान का रिकॉर्ड किया हुआ वीडियो भेजेंगे जिसे संयुक्त राष्ट्र के 75वें वर्षगांठ सत्र में काम चर्चा के दौरान असेंबली हाल में उनके प्रतिनिधियों के परिचय के बाद प्रसारित किया जाएगा।”
महासभा ने कोरोना वायरस महामारी से बिगड़े हालात को लेकर चिंता जतायी और संयुक्त राष्ट्र परिसर में बैठक के लिए सीमाबद्धता की सिफारिश को रेखांकित किया क्योंकि एहतियाती कदम कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए हैं।
संगठन के 75 वर्ष के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब विश्व नेता न्यूयार्क में एकत्र नहीं हो पाएंगे। संयुक्त राष्ट्र की 75 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए महासभा की बैठक 21 सितंबर से शुरू होगी महासभा के 75 वें सत्र की आम चर्चा 22 सितंबर से शुरू होगी।
संयुक्त अरब अमीरात के तट से ''अपहृत'' टैंकर ईरानी जलक्षेत्र में वापस चला गया
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक एजेंसी ने कहा कि कथित तौर पर ईरानी कच्चे तेल की तस्करी के बाद संयुक्त अरब अमीरात के तट से ''अपहृत'' टैंकर ईरानी जलक्षेत्र में वापस चला गया है। जहाज के कप्तान के हवाले से अतंरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन (आईएलओ) ने कहा कि ''एमटी गल्फ स्काई'' को पांच जुलाई को अपहृत कर लिया गया था।
आईएलओ ने कहा, '' जहाज ईरान ले जाया गया था।'' इसके मुताबिक, जहाज पर सवार चालक दल के सभी 28 भारतीय सदस्यों को ईरान में उतारा गया और इनमें से दो को छोड़कर बाकी सभी 15 जुलाई को तेहरान से भारत चले गए। आईएलओ ने समुद्री क्षेत्र में निगरानी रखने वाली एक अंतरराष्ट्रीय संस्था के जरिए यह सूचना प्राप्त की।
आईएलओ ने शुरुआत में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि यूएई के पूर्वी तटीय शहर खोर फक्कन में जहाज और उसके नाविकों को इसके मालिकों ने बिना वेतन दिए मार्च से ही छोड़ दिया था। वहीं, ईरानी सरकारी मीडिया और अधिकारियों ने ‘एमटी गल्फ स्काई’ के ईरान पहुंचने और जहाज के अपहरण की किसी घटना की पुष्टि नहीं की। इसी तरह, अमेरिकी सरकार ने भी इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है।