लाइव न्यूज़ :

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषदः  2021 में भारत बनेगा सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष, पाकिस्तान ने बधाई देने से किया इनकार

By भाषा | Updated: June 19, 2020 14:11 IST

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने जीत दर्ज की है। 192 सदस्य में से 184 देश ने भारत को समर्थन किया। हालांकि पाकिस्तान ने भारत को बधाई देने से इनकार कर दिया। समर्थन किया था लेकिन कहा कि हम बधाई नहीं देंगे।

Open in App
ठळक मुद्दे संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता के कार्यालय से जारी सूचना के अनुसार भारत अगले साल अगस्त में परिषद की अध्यक्षता करेगा।हर सदस्य देश बारी-बारी से एक माह के लिए परिषद की अध्यक्षता करता है। भारत 2022 में एक माह के लिए परिषद का अध्यक्ष बनेगा। ब्रिटेन, अमेरिका, वियतनाम, चीन, एस्तोनिया, फ्रांस, भारत, आयरलैंड, केन्या, मेक्सिको और नाइजर एक-एक महीने के लिए अध्यक्ष बनेंगे।

संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के अस्थायी सदस्य के तौर पर चुना गया भारत अगस्त 2021 में 15 देशों वाली शक्तिशाली परिषद के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाएगा।

हर सदस्य देश बारी-बारी से एक माह के लिए परिषद की अध्यक्षता करता है। संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता के कार्यालय से जारी सूचना के अनुसार भारत अगले साल अगस्त में परिषद की अध्यक्षता करेगा। इसके बाद भारत 2022 में एक माह के लिए परिषद का अध्यक्ष बनेगा।

अगले साल जनवरी में ट्यूनीशिया परिषद का अध्यक्ष बनेगा। इसके बाद ब्रिटेन, अमेरिका, वियतनाम, चीन, एस्तोनिया, फ्रांस, भारत, आयरलैंड, केन्या, मेक्सिको और नाइजर एक-एक महीने के लिए अध्यक्ष बनेंगे। उल्लेखनीय है कि भारत सुरक्षा परिषद के चुनाव में मिले जबरदस्त समर्थन की मदद से दो साल के लिए इसका अस्थायी सदस्य चुना गया है।

महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए और मास्क पहनकर मतदान किया

इस अभूतपूर्व चुनाव में 192 सदस्य देशों के राजनयिकों ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए और मास्क पहनकर मतदान किया। सुरक्षा परिषद की पांच अस्थायी सीटों के लिए हुए चुनाव में एशिया-प्रशांत देशों की श्रेणी से उम्मीदवार भारत को 192 मतों में से 184 मत मिले। सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत का दो वर्ष का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा।

भारत के अलावा आयरलैंड, मेक्सिको, केन्या और नॉर्वे ने भी चुनाव जीता। भारत सुरक्षा परिषद में नॉर्वे, केन्या, आयरलैंड और मेक्सिको के अलावा पांच स्थायी सदस्यों चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका तथा अस्थायी सदस्यों एस्तोनिया, नाइजर, सेंट विंसेंट, ट्यूनीशिया और वियतनाम के साथ बैठेगा। बेल्जियम, डोमिनिकन गणराज्य, जर्मनी, इंडोनेशिया और दक्षिण अफ्रीका का कार्यकाल इस साल समाप्त हो जाएगा। इससे पहले भारत 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 तथा 2011-2012 में परिषद का अस्थायी सदस्य बना था। 

पाकिस्तान ने सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुने गए भारत को बधाई देने से इनकार किया

पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुने गए भारत को बधाई देने से इनकार करते हुए उस पर कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। भारत को दो साल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया है।

बुधवार को पांच अस्थायी सीटों के लिए हुए चुनाव में एशिया-प्रशांत देशों की श्रेणी से उम्मीदवार भारत को 192 मतों में से 184 मत मिले। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आयशा फारूकी ने नियमित मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि महासभा ने दो साल के लिये सुरक्षा परिषद के चार अस्थायी सदस्यों का चुनाव किया है, जिनका कार्यकाल 1 जनवरी 2021 से शुरू होगा। उन्होंने कहा, ''हम आयरलैंड, नॉर्वे और मैक्सिको को बधाई देते हैं। भारत के चुनाव से कुछ मौलिक प्रश्न उठते हैं। ''

प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर में सुरक्षा परिषद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा, ''भारत सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का उल्लंघन करता रहा है, जिसमें जम्मू-कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय के अपने मौलिक अधिकार का इस्तेमाल करने के लिये संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराने का प्रस्ताव शामिल है।'' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सुरक्षा परिषद के बाकी सदस्यों के साथ दक्षिण एशिया और उसके बाहर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा कायम रखने के लिये मिलकर काम करता रहेगा।

भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख में टकराव पर फारूकी ने कहा कि चीन-भारत सीमा क्षेत्रों में नए सिरे से झड़पें इसलिये हुईं क्योंकि चीन, भारत के साथ शांतिपूर्ण तरीके और आपसी सहमति से संघर्ष को खत्म करने के लिए बातचीत कर रहा था। उन्होंने आरोप लगाया, "पड़ोसी देशों से लगी सीमाओं में एकतरफा बदलाव की भारत की शत्रुतापूर्ण नीतियां और प्रयास इस क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इससे क्षेत्र में स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किए गए प्रयास कमजोर पड़ रहे हैं।'' 

टॅग्स :संयुक्त राष्ट्रदिल्लीपाकिस्तानअमेरिकाचीनब्रिटेनरूसफ़्रांसनरेंद्र मोदीइमरान खान
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

विश्वड्रोन हमले में 33 बच्चों सहित 50 लोगों की मौत, आरएसएफ और सूडानी सेना के बीच जारी जंग

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

क्राइम अलर्टDelhi: जाफराबाद में सड़क पर झड़प, गोलीबारी के बाद 3 गिरफ्तार

विश्व अधिक खबरें

विश्व‘बार’ में गोलीबारी और तीन बच्चों समेत 11 की मौत, 14 घायल

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?