यूक्रेन-रूस युद्ध: राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा, 'जब तक रूसी हमारे जमीन से वापस नहीं जाते, उनसे कोई समझौता नहीं होगा'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 4, 2022 11:10 PM2022-05-04T23:10:41+5:302022-05-04T23:13:52+5:30
रूसी आक्रमण झेल रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने वॉल स्ट्रीट जर्नल के सीईओ काउंसिल समिट में भाग लेते हुए स्पष्ट कहा है कि वह युद्धविराम समझौते को तब तक स्वीकार नहीं करेंगे, जब तक रूसी सेना को अपनी पुरानी जगह पर वापस नहीं चली जाती।
कीव: रूसी आक्रमण झेल रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने स्पष्ट कहा है कि उनका देश मास्को के साथ तब तक कोई समझौता नहीं स्वीकार करेगा, जब तक रूसी सैनिक उनके कब्जे वाली जमीन खाली नहीं करते।
बुधवार को वॉल स्ट्रीट जर्नल के सीईओ काउंसिल समिट में भाग लेते हुए ज़ेलेंस्की ने कहा कि युद्ध के पहले चरण में यूक्रेनी सेना ने रूसी आक्रमण को रोक दिया था और दूसरे चरण में यूक्रेनी सैनिकों ने अपने क्षेत्र से रूसी सैनिकों को खदेड़ दिया और तीसरे चरण में यूक्रेनी सेना अपनी क्षेत्रीय अखंडता को बहाल करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है।
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक ज़ेलेंस्की ने कहा कि वह युद्धविराम समझौते को तब तक स्वीकार नहीं करेंगे, जब तक रूसी सेना को अपनी पुरानी जगह पर वापस नहीं चली जाती। जेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि हम रूस द््वारा थोपे गये किसी भी तरह के संघर्ष विराम को नहीं स्वीकार करेंगे।
इसके साथ ही राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने चेतावनी दी कि यूक्रेन को पूर्वी यूक्रेन के लिए शांति समझौते के लिए किसी भी राजनयिक दलदल में न खींचा जाए, जिसे साल 2015 में फ्रांस और जर्मनी द्वारा मध्यस्थता करके संपन्न कराई गई थी।
मालूम हो कि रूस ने साल 2014 में यूक्रेन के क्रीमियन प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया था और यूक्रेन के पूर्वी औद्योगिक क्षेत्र डोनबास में अलगाववादी विद्रोह के परोक्ष तौर पर अपना समर्थन दिया था।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को क्रीमिया पर रूसी संप्रभुता की मान्यता और अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मंजूरी देने के लिए अड़े हुए हैं।
ज़ेलेंस्की ने इस बात पर जोर दिया कि रूस के साथ चल रही लड़ाई को समाप्ती के लिए होने वाले किसी भी सौदे के लिए बातचीत करने के लिए अगर पुतिन उनसे मिलना ताहते हैं तो उन्हें ज़ेलेंस्की के तर्कों से सहमत होना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि शांति वार्ता जारी रखना महत्वपूर्ण है, लेकिन ध्यान दिया कि जब तक रूसी राष्ट्रपति इस पर हस्ताक्षर नहीं करते या आधिकारिक बयान नहीं देते, मुझे ऐसे समझौतों में कोई मतलब नहीं दिखता।