यूक्रेन संकट: UN महासभा की आपात बैठक का रास्ता साफ, आज होगी बैठक, भारत फिर रहा अनुपस्थित

By विशाल कुमार | Published: February 28, 2022 07:52 AM2022-02-28T07:52:19+5:302022-02-28T07:56:15+5:30

संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपातकालीन बैठक बुलाने के लिए सुरक्षा परिषद के 15 में 11 सदस्य देशों ने समर्थन में किया वोट किया। वहीं, भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। रूस ने इसके खिलाफ मतदान किया।

ukraine crisis unsc meeting clears way of general assembly india abstain again | यूक्रेन संकट: UN महासभा की आपात बैठक का रास्ता साफ, आज होगी बैठक, भारत फिर रहा अनुपस्थित

यूक्रेन संकट: UN महासभा की आपात बैठक का रास्ता साफ, आज होगी बैठक, भारत फिर रहा अनुपस्थित

Highlightsक्रेन संकट को लेकर सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपातकालीन बैठक होगी।बैठक बुलाने के लिए सुरक्षा परिषद के 15 में 11 सदस्य देशों ने समर्थन में किया वोट किया।भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। रूस ने इसके खिलाफ मतदान किया।

संयुक्त राष्ट्र: रूस की तरफ से यूक्रेन में जारी हमलों के बीच भारतीय समयानुसार रविवार देर रात 1.30 बजे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपातकालीन बैठक बुलाने का रास्ता साफ हो गया। अब यूक्रेन संकट को लेकर सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपातकालीन बैठक होगी।

संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपातकालीन बैठक बुलाने के लिए सुरक्षा परिषद के 15 में 11 सदस्य देशों ने समर्थन में किया वोट किया। वहीं, भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। रूस ने इसके खिलाफ मतदान किया।

भारत के साथ ही चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि परिस्थितियों की समग्रता को ध्यान में रखते हुए हमने वोटिंग से परहेज करने का निर्णय लिया। उन्होंने रेखांकित किया कि कूटनीति और संवाद के रास्ते पर लौटने के अलावा और कोई चारा नहीं है।

भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यूएनएससी में बैठक में कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने रूस, यूक्रेन के नेतृत्व के साथ अपनी हालिया बातचीत में संवाद की वापसी की जोरदार वकालत की है। उन्होंने कहा कि हम बेलारूस सीमा पर वार्ता करने के लिए दोनों पक्षों द्वारा आज की घोषणा का स्वागत करते हैं।

तिरुमूर्ति ने कहा कि सीमा पार की जटिल और अनिश्चित स्थिति से भारतीयों की निकासी के प्रयासों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। लोगों की निर्बाध और अनुमानित आवाजाही बनाए रखना महत्वपूर्ण है। यह एक तत्काल मानवीय आवश्यकता है जिसे तुरंत शुरू किया जाना चाहिए। हम बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और सुरक्षा के बारे में गहराई से चिंतित हैं, जो अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं।

गौरतलब है कि 1950 से अब तक 193 सदस्यीय महासभा के ऐसे केवल 10 सत्र आहूत किए गए हैं, यह 11वां ऐसा आपातकालीन सत्र होगा।

बता दें कि, इससे पहले रूस के हमले की निंदा करने के लिए यूएनएससी में लाए गए निंदा प्रस्ताव पर भी भारत ने मतदान नहीं किया था और रूस के वीटो करने के कारण प्रस्ताव गिर गया था। युद्ध से हो रही मौतों के बीच भारत ने पहली बार अपने वोट न करने के फैसले पर सफाई जारी की और खेद जताया था।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की और अपने देश के खिलाफ रूस के सैन्य हमले को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत से राजनीतिक समर्थन मांगा।

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