तुलसी गेबार्ड ने कहा- बांग्लादेश में हिन्दुओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों को 1971 से प्रताड़ित किया जा रहा है, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: April 2, 2021 20:21 IST2021-04-02T20:19:35+5:302021-04-02T20:21:31+5:30
25 मार्च, 1971 को पाकिस्तानी सेना द्वारा बांग्लादेश में हिंदुओं को व्यवस्थित निशाना बनाने की शुरुआत हुई थी।

तुलसी ने अमेरिकी सीनेटर टेड कैनेडी को भी याद किया जिन्होंने हिंदुओं के खिलाफ नरसंहार अभियान का अवलोकन किया था। (file photo)
न्यूयार्कः अमेरिकी हिंदू नेता तुलसी गेबार्ड ने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दुओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों को 1971 से लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा है। वे निशाने पर हैं।
1971 में पकिस्तानी सेना ने लाखों बंगाली हिंदुओं की हत्या की, बलात्कार किया और उनको घरों से बेदखल कर दिया। यह सब केवल उनके धर्म और नस्ल की वजह से किया गया। बलात्कार और हत्या कर दी थी। तुलसी गेबार्ड ने बांग्लादेश के सताए गए हिंदू अल्पसंख्यकों के पक्ष में बात की है।
उसने पाकिस्तानी सेना द्वारा बंगाली हिंदुओं के नरसंहार की भी निंदा की है और दुनिया को इस्लामी चरमपंथ के खिलाफ काम करने का आह्वान किया है। “कांग्रेस के सदस्य के रूप में, मैंने एक प्रस्ताव पेश किया था, जो बांग्लादेश में हिंदुओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कहा गया। जो लोग आज भी निशाना बनाए जाते हैं और सताए जाते हैं।
Hindus & religious minorities in Bangladesh continue to be targeted & persecuted, as they have been since 1971 when the Pakistani army systematically murdered, raped & drove from their homes millions of Bengali Hindus because of their religion & ethnicity. pic.twitter.com/4DVWibzrkT
— Tulsi Gabbard 🌺 (@TulsiGabbard) April 2, 2021
25 मार्च, 1971 को पाकिस्तानी सेना द्वारा बांग्लादेश में हिंदुओं को व्यवस्थित निशाना बनाने की शुरुआत हुई थी। ढाका विश्वविद्यालय में एक हिंदू छात्रावास था, जहां अकेले उस रात पांच से दस हजार लोग मारे गए थे। यह नरसंहार अभियान 10 महीनों तक जारी रहा, जिसके परिणामस्वरूप दो से तीन मिलियन लोग मारे गए।
हजारों महिलाओं और लड़कियों ने बलात्कार किया और 10 मिलियन से अधिक लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हुए। ” तुलसी ने अमेरिकी सीनेटर टेड कैनेडी को भी याद किया जिन्होंने हिंदुओं के खिलाफ नरसंहार अभियान का अवलोकन किया था। उसने यह भी कहा कि "बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों का इस्लामवादी उत्पीड़न बांग्लादेश की स्वतंत्रता के साथ समाप्त नहीं हुआ"।
यह उत्पीड़न 50 साल पहले शुरू हुई थी, जब पाकिस्तानी सेना ने व्यवस्थित रूप से हत्या की, बलात्कार किया और अपने घरों से निकाल दिया। बांग्लादेश से हिंदुओं समेत कमजोर अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों की रक्षा करने और वहां कट्टपंथी समूहों का प्रभाव रोकने को कहा गया है।
तुलसी ने कहा कि बांग्लादेश में खासकर पिछले वर्ष आयोजित हुए दोषपूर्ण चुनावों के बाद से देश की स्थिरता को लेकर कई चिंताएं पैदा हो गई हैं और राजनीतिक हिंसा की स्थिति पैदा हो गई है। मैं बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी मामलों विशेषकर हिंदुओं, इसाइयों, बौद्ध धर्म के लोगों और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर चिंतित हूं।
अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराधों को अंजाम देने वालों को अकसर सजा नहीं दी जाती।’ तुलसी ने कहा, ‘यह बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उन लोगों के खिलाफ कदम उठाए जो हिंसा करते और भड़काते हैं। सरकार को अल्पसंख्यकों की रक्षा करनी चाहिए।’