पश्चिम एशिया में तीन हजार सैनिक और भेज रहा अमेरिका, इराक अभियान में किया कम

By भाषा | Updated: January 4, 2020 18:29 IST2020-01-04T17:40:55+5:302020-01-04T18:29:10+5:30

अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर अधिकारियों ने उस फैसले के बारे में बताया जिसकी पेंटागन से अभी घोषणा होनी बाकी है। अधिकारियों के अनुसार ये सैनिक उत्तरी कैरोलिना के फोर्ट ब्रैग की 82वीं एयरबोर्न डिवीजन से हैं।

Three thousand soldiers in West Asia and America sending, reduced in Iraq campaign | पश्चिम एशिया में तीन हजार सैनिक और भेज रहा अमेरिका, इराक अभियान में किया कम

मई में ट्रंप प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि ईरान अमेरिकी हितों पर हमले की योजना बना रहा है। 

Highlightsये सैनिक 82वीं एयरबोर्न डिवीजन के उन करीब 700 सैनिकों के अतिरिक्त होंगे।इस सप्ताह सैनिकों की तैनाती से पहले ट्रंप प्रशासन ने मई से 14 हजार अतिरिक्त सैनिकों को पश्चिम एशिया भेजा है।

अमेरिका के हमले में एक ईरानी जनरल के मारे जाने के बाद उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर पश्चिम एशिया में वाशिंगटन तीन हजार सैनिक और भेज रहा है। रक्षा अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर अधिकारियों ने उस फैसले के बारे में बताया जिसकी पेंटागन से अभी घोषणा होनी बाकी है। अधिकारियों के अनुसार ये सैनिक उत्तरी कैरोलिना के फोर्ट ब्रैग की 82वीं एयरबोर्न डिवीजन से हैं।

ये सैनिक 82वीं एयरबोर्न डिवीजन के उन करीब 700 सैनिकों के अतिरिक्त होंगे जिन्हें ईरान समर्थित मिलिशिया के लोगों और उनके समर्थकों द्वारा बगदाग में अमेरिकी दूतावास पर हमला करने के बाद इस सप्ताह के प्रारंभ में कुवैत में तैनात किया गया था।

अतिरिक्त सैनिकों को भेज जाना बृहस्पतिवार को ईरान के क्वाड्स फोर्स के कमांडर कासिम सोलेमानी के मारे जाने के बाद उसकी (ईरान की) बदले की कार्रवाई करने की संभावना को लेकर चिंता को दर्शाता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ही सोलेमानी पर हमले का आदेश दिया था।

इस सप्ताह सैनिकों की तैनाती से पहले ट्रंप प्रशासन ने मई से 14 हजार अतिरिक्त सैनिकों को पश्चिम एशिया भेजा है। मई में ट्रंप प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि ईरान अमेरिकी हितों पर हमले की योजना बना रहा है। 

इराक अभियान में सुरक्षा कारणों से गठबंधन ने सैनिकों की संख्या कम की : अमेरिका

अमेरिकी हमले में ईरान एवं इराक के शीर्ष कमांडरों के मारे जाने की घटना के बाद उग्रपंथियों के खिलाफ लड़ाई में मदद कर रहे अमेरिका के नेतृत्व वाले सुरक्षा बलों की संख्या इराक अभियान में कम कर दी गई है। अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

अमेरिकी नेतृत्व वाले बल ने अपना प्रशिक्षण और चरमपंथियों के खिलाफ अभियान ‘‘सीमित’’ कर दिया है। उसने कहा, ‘‘हमारी शीर्ष प्राथमिकता गठबंधन सैनिकों की सुरक्षा है।’’ सूत्रों ने बताया, ‘‘यह (अभियान) बंद नहीं हुआ है। जिन इराकी सैन्य अड्डों पर हमारी गठबंधन सेनाएं मौजूद हैं, वहां हमने सुरक्षा बढ़ा दी है और रक्षात्मक उपाय किए हैं।’’ अधिकारी ने बताया कि हाल के महीने में अमेरिकी सैनिकों पर ईरान समर्थित धड़े की ओर से रॉकेट हमलों में इजाफा होने के बाद यह बदलाव किया गया है।

निगरानी प्रयासों का ध्यान अब इस्लामिक स्टेट समूह के बजाय संभावित नये हमलों पर केंद्रित है। पिछले महीने रॉकेट हमले में एक अमेरिकी ठेकेदार की मौत हो गई थी जिससे इराकी जमीन पर अमेरिका और ईरान के बीच छद्म युद्ध की आशंका बढ़ गई थी। शुक्रवार को बगदाद में अमेरिका के हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर के कुद्स फोर्स के प्रमुख ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। हमले में इराक के हशद अल-शाबी के उप प्रमुख की भी मौत हो गई थी।

अधिकतर शिया धड़े का नेटवर्क हशद अल-शाबी ईरान के करीब है और वह इराक सरकार के सुरक्षा बल में भी शामिल है। शनिवार को हशद ने कहा कि राजधानी के उत्तर में उनके सुरक्षा बलों के काफिले पर नये हमले हुए। इराकी सरकारी मीडिया ने इन हमलों के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन के प्रवक्ता ने इससे इनकार किया है। प्रवक्ता माइल्स कैगिंस ने कहा, ‘‘अमेरिका या गठबंधन की ओर से कोई हमला नहीं हुआ।’’ 

Web Title: Three thousand soldiers in West Asia and America sending, reduced in Iraq campaign

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