श्रीलंका में आतंकी हमलाः समिति ने राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना को रिपोर्ट सौंपी, आईएस पर ‘अलग ढंग से’ सोचना होगा
By सतीश कुमार सिंह | Published: May 2, 2019 01:17 PM2019-05-02T13:17:06+5:302019-05-02T13:17:06+5:30
राष्ट्रपति ने कहा कि वह अटार्नी जनरल के साथ परामर्श करेंगे व उसके अनुसार जरूरी कार्रवाई करेंगे। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे समिति की अंतरिम रिपोर्ट मिल गयी । रिपोर्ट में जो कहा गया है, मैं उसे उद्घाटित करने जा रहा हूं। अटार्नी जनरल के साथ अंतरिम रिपोर्ट पर चर्चा करने के बाद मैं जरूरी कानूनी कार्रवाई करने की आशा कर रहा हूं।’’ यह विशेष जांच समिति छह मई को अपनी पूरी रिपोर्ट जारी करेगी।
श्रीलंका में ईस्टर के दिन हुए आतंकवादी हमलों की जांच के लिए नियुक्त तीन सदस्यीय समिति ने बुधवार को राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी, जिन्होंने कहा कि श्रीलंका को आतंकवादी संगठन आईएस से लड़ने के लिए अब ‘अलग ढंग से’ सोचना होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि वह अटार्नी जनरल के साथ परामर्श करेंगे व उसके अनुसार जरूरी कार्रवाई करेंगे। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे समिति की अंतरिम रिपोर्ट मिल गयी । रिपोर्ट में जो कहा गया है, मैं उसे उद्घाटित करने जा रहा हूं। अटार्नी जनरल के साथ अंतरिम रिपोर्ट पर चर्चा करने के बाद मैं जरूरी कानूनी कार्रवाई करने की आशा कर रहा हूं।’’ यह विशेष जांच समिति छह मई को अपनी पूरी रिपोर्ट जारी करेगी।
समिति ने पूर्व रक्षा सचिव और निलंबित पुलिस प्रमुख समेत कई शीर्ष सरकारी अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं। अधिकारियों के अनुसार देश में ईस्टर के दिन आठ स्थानों पर हुए आत्मघाती हमलों की जांच के लिए राष्ट्रपति ने 21 अप्रैल को तीन सदस्यीय समिति नियुक्त की थी जिसने 22 अप्रैल को अपना काम शुरू कर दिया था।
यहां मई दिवस कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘रक्षा सचिव और पुलिस महानिरीक्षक के पास हमले को रोकने का मौका था। लेकिन उन्होंने उस जिम्मेदारी को पूरा नहीं किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि हमने जैसे लिट्टे से लड़ाई की, उसी तरह हमें आईएस से लड़ना है। हमें अब भिन्न तरीके से सोचना होगा। हमें अलग तरीके से योजना बनानी होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि हम दूसरे देशों से सैनिक लाने का प्रयास कर रहे हैं। नहीं, हम दूसरे देश के सैनिकों को यहां नहीं आने देंगे। मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे सुरक्षाबलों-- सेना, नौसेना और वायुसेना , पुलिस एवं एसटीएफ के पास इन आतंकवादियों का सफाया करने का सामर्थ्य है।
हम विदेशी खुफिया विशेषज्ञों के सहयोग की जरूरत है जो आतंकवाद का सफाया करने में प्रशिक्षित हों। इस जांच समिति के अगुवा उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश विजीत के मालगोडा हैं जबकि पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एन के इलांगकून और कानून व्यवस्था मंत्रालय के पूर्व सचिव पदमसिरी जयमाने उसके अन्य सदस्य हैं।
राष्ट्रपति के मीडिया संभाग ने बताया कि पूर्व रक्षा सचिव हेमासिरी फर्नांडो और निलंबित पुलिस प्रमुख पुजीत जयसुंदरा समेत कई शीर्ष सरकारी अधिकारियों के बयान भी दर्ज किये गये हैं। फर्नांडो ने सिरिसेना के कहने पर पद छोड़ दिया था जबकि जयसुंदरा ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
सिरिसेना ने जयसुंदरा को अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया था और कार्यवाहक पुलिस प्रमुख नियुक्त किया था। यह विशेष समिति उस कथित सुरक्षा खामी पर रिपोर्ट देने के लिए नियुक्त की गयी है जिसकी वजह से स्थानीय जिहादी संगठन नेशनल तौहीद जमात के लिए भयंकर आतंकवादी हमला करने का मार्ग प्रशस्त हुआ था।
इस हमले में 250 से अधिक लोगों की जान चली गयी और 500 से अधिक अन्य घायल हो गये।