गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के पीछे हटने पर पहली बार ड्रैगन की तरफ से आया सरकारी बयान, जानें क्या कहा

By अनुराग आनंद | Updated: July 6, 2020 15:42 IST2020-07-06T15:41:06+5:302020-07-06T15:42:53+5:30

पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों में कमांडर स्तर की बातचीत के छह दिन बाद चीन ने यह बयान दिया है।

The official statement from Dragon came for the first time after the retreat of Chinese soldiers in Galvan valley, said this about the withdrawal of soldiers | गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के पीछे हटने पर पहली बार ड्रैगन की तरफ से आया सरकारी बयान, जानें क्या कहा

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (फाइल फोटो)

Highlightsसूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक,  चीन के सैनिक तीन पोस्ट गलवान, हॉटस्परिंग, गोगरा से वापस जाते दिखे हैं।भारत अभी चीन के सैनिकों के वापस जाने के मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं।राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने कल वीडियो कॉल पर चीनी विदेश मंत्री और राज्य के काउंसलर वांग यी से बातचीत की।

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में भारत व चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच चीन ने अपने सेना को पीछे हटाने का फैसला किया है। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के पीछे हटने की खबरों के बीच चीन ने सोमवार को कहा कि LAC  पर तनाव और तनातनी खत्म करने को लेकर दोनों सेनाओं के बीच प्रगति हुई है।

एचटी की मानें तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, ''चीन और भारत के सैनिकों में 30 जून को कमांडर स्तर की बातचीत हुई। दो दौर की वार्ता में बनी सहमित पर दोनों पक्ष अमल कर रहे हैं।''

उनसे भारतीय मीडिया में आई उन खबरों पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी, जिनमें कहा गया है कि चीनी सैनिक पीछे हटे हैं।बता दें कि पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों में कमांडर स्तर की बातचीत के छह दिन बाद चीन ने यह बयान दिया है। 

लद्दाख में चीन ने किया अपने सैनिकों को कई पोस्ट से पीछे हटाने का फैसला-

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चीन के सैनिक तीन पोस्ट गलवान, हॉटस्परिंग, गोगरा से वापस जाते दिखे हैं। अगले 24 घंटे बहुत महत्वपूर्ण हैं। पिछले दो माह से दोनों देश के सेनाएं आमने-सामने हैं। भारत अभी चीन के सैनिकों के वापस जाने के मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। पैंगोंग पर अभी भी चीन के सैनिक जमे हैं। भारत का साफ कहना है कि चीनी सैनिकों को फिंगर 8 से पीछे जाना होगा। 

गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कई गुणा बढ़ गया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के सैनिक भी इस झड़प में हताहत हुए थे लेकिन उसने अब तक इसके ब्योरे उपलब्ध नहीं कराए हैं। भारत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों में पूर्व यथास्थिति बहाल करने पर जोर देता आया है। क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कई चरणों की कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ताएं हुई हैं। हालांकि, दोनों पक्षों के क्षेत्र से बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमत होने के बावजूद गतिरोध समाप्त होने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे थे।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री से की बात-

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने कल वीडियो कॉल पर चीनी विदेश मंत्री और राज्य के काउंसलर वांग यी से बातचीत की। सूत्रों का कहना है कि बातचीत सौहार्दपूर्ण और दूरदर्शी तरीके से हुई। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बातचीत का फोकस पूरी तरह से और स्थायी तौर पर शांति वापस लाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए एक साथ काम करना था।

बता दें कि भारत-चीन इमं चल रहे गतिरोध पर डोभाल पहले से ही सक्रिय हैं और चीन पर नजर रखे हुए भी हैं। यह भी कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अचानक लद्दाख दौरा डोभाल की ही रणनीति का हिस्सा था। वहीं चीनी घुसपैठ की कोशिश के बाद जिस तरह भारत ने आक्रमक तरीके से उसका जवाब दिया उसे भी डोभाल की रणनीति बताया जाता है।

Web Title: The official statement from Dragon came for the first time after the retreat of Chinese soldiers in Galvan valley, said this about the withdrawal of soldiers

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