बांग्लादेश में हुआ तख्तापलट, शेख हसीना के इस्तीफे के बाद सेना ने संभाली देश की कमान
By रुस्तम राणा | Updated: August 5, 2024 16:05 IST2024-08-05T15:45:38+5:302024-08-05T16:05:26+5:30
प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद सेना ने कमान संभाल ली है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान ने कहा है कि प्रधानमंत्री हसीना ने इस्तीफा दे दिया है, देश को अंतरिम सरकार चलाएगी।

बांग्लादेश में हुआ तख्तापलट, शेख हसीना के इस्तीफे के बाद सेना ने संभाली देश की कमान
ढाका: बांग्लादेश में जारी हिंसक प्रदर्शन के बीच बड़े सियासी तख्तापलट की खबरें भी सामने आ रही हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद सेना ने कमान संभाल ली है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान ने कहा है कि प्रधानमंत्री हसीना ने इस्तीफा दे दिया है, देश को अंतरिम सरकार चलाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि हम देश में शांति बहाल करेंगे। हम नागरिकों से हिंसा रोकने का अनुरोध करते हैं। हम पिछले कुछ हफ्तों में हुई सभी हत्याओं की जांच करेंगे। सेना प्रमुख ने प्रदर्शनकारियों से कहा, "तोड़फोड़-आगजनी मारपीट से दूर रहिए। आप लोग हमारे साथ मिलकर चलेंगे, तो हालात सुधरेंगे। मारपीट हिंसा से कुछ नहीं मिलेगा। संघर्ष और अराजकता से दूर रहिए।" उन्होंने कहा, "जो हत्या हुई उस पर न्याय होगा। हमने सभी दलों से बात की। हमने एक अच्छी बातचीत की। अब सब शांति से होगा।"
बता दें कि शेख हसीना इस्तीफा देकर देश छोड़कर भाग गई हैं। पड़ोसी देश में दशकों में हुई सबसे भीषण हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे गए। हजारों प्रदर्शनकारियों ने ढाका में उनके आधिकारिक आवास गणभवन पर धावा बोल दिया, खबरें सामने आईं कि हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना "सुरक्षित आश्रय" के लिए रवाना हुईं। एक सैन्य हेलीकॉप्टर से उन्हें भारत लाया गया है। बांग्लादेशी दैनिक प्रथम आलो की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री के जाने के बाद हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने ढाका में उनके आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है।
Bangladesh Army Chief says, "PM Sheikh Hasina has resigned. Interim Government to run the country." - reports Reuters pic.twitter.com/tGR3FgGVvn
— ANI (@ANI) August 5, 2024
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मान हिंसक झड़पों के बाद राष्ट्र को संबोधित किया। यह घोषणा तब की गई जब सैकड़ों छात्र कार्यकर्ता राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए विरोध मार्च के लिए सड़कों पर उतरे। जब प्रदर्शनकारियों ने अपना "ढाका तक लंबा मार्च" शुरू किया, तब सेना प्रमुख सेना मुख्यालय में सत्तारूढ़ अवामी लीग और विपक्षी बीएनपी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत कर रहे थे।