पाकिस्तान में कट्टरपंथियों के हमले के शिकार मंदिर को प्रधान न्यायाधीश ने श्रद्धालुओं के लिए खोला

By भाषा | Updated: November 9, 2021 17:16 IST2021-11-09T17:16:31+5:302021-11-09T17:16:31+5:30

The Chief Justice of the temple opened to the devotees in the attack of the extremists in Pakistan. | पाकिस्तान में कट्टरपंथियों के हमले के शिकार मंदिर को प्रधान न्यायाधीश ने श्रद्धालुओं के लिए खोला

पाकिस्तान में कट्टरपंथियों के हमले के शिकार मंदिर को प्रधान न्यायाधीश ने श्रद्धालुओं के लिए खोला

पेशावर, नौ नवंबर उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान में इस्लामी कट्टरपंथियों की उग्र भीड़ द्वारा आगजनी और तोड़फोड़ के शिकार एक सदी पुराने मंदिर को मरम्मत के बाद प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद ने श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिया। मीडिया की एक खबर में मंगलवार को यह जानकारी मिली। न्यायूमर्ति अहमद ने प्रशासन को इस मंदिर का पुनर्निर्माण करने का आदेश दिया था।

पिछले साल दिसंबर में खैबर पख्तूनख्वा के करक जिले के तेरी गांव में एक सदी पुराने श्री परमहंस जी महाराज मंदिर को जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के कुछ स्थानीय मौलवियों के नेतृत्व में भीड़ ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। उस समय प्रधान न्यायाधीश अहमद ने अधिकारियों को मंदिर के पुनर्निर्माण का आदेश दिया और उन्हें हमलावरों से मरम्मत के काम के लिए धन की वसूली करने का निर्देश दिया था। हमलावरों के इस कृत्य से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था।

‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के मुताबिक सोमवार को प्रधान न्यायाधीश अहमद ने दिवाली त्योहार मनाने और हिंदू समुदाय के सदस्यों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए पुनर्निर्मित मंदिर में एक भव्य समारोह में शिरकत की। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधान न्यायाधीश अहमद ने कहा कि पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने हमेशा अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाए हैं और वह भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगा।

अखबार ने प्रधान न्यायाधीश को उद्धृत करते हुए लिखा कि हिंदुओं को पाकिस्तान में अन्य धर्मों के लोगों के समान अधिकार प्राप्त हैं। प्रधान न्यायाधीश ने आश्वासन दिया कि सर्वोच्च न्यायालय देश के अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि किसी को भी किसी अन्य समुदाय के धार्मिक पूजा स्थल को नष्ट करने या नुकसान पहुंचाने का अधिकार नहीं है।

इस अवसर पर हिंदू समुदाय के सदस्यों ने प्रधान न्यायाधीश को पगड़ी और कुरान की डिजिटल प्रति भेंट की। प्रधान न्यायाधीश को इस कार्यक्रम में पाकिस्तान हिंदू परिषद द्वारा आमंत्रित किया गया था, जिसने सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों के श्रद्धालुओं की भी मेजबानी की।

अखबार की खबर में कहा गया है कि पाकिस्तान हिंदू परिषद के संरक्षक और नेशनल असेंबली के सदस्य डॉ रमेश कुमार वांकवानी ने प्रधान न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय द्वारा उठाए गए कदमों के लिए आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता वाले सत्तारूढ़ दल तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार ने कहा कि अगर चार अन्य ऐतिहासिक मंदिरों के उद्घाटन के लिए इसी तरह के कदम उठाए जाते हैं, तो इससे दुनिया में देश की छवि सुधारने में मदद मिलेगी।

पुनर्निर्मित मंदिर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में संत, श्री परमहंस जी महाराज का है। इस मंदिर की स्थापना 1920 में हुई थी। पिछले महीने, शीर्ष अदालत ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय सरकार को धर्मस्थल में तोड़फोड़ करने में शामिल दोषियों से 1,94,161 डॉलर वसूली करने का भी आदेश दिया था। शीर्ष अदालत के निर्देश के अनुसार इस घटना में शामिल 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

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Web Title: The Chief Justice of the temple opened to the devotees in the attack of the extremists in Pakistan.

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