Sri Lanka Economic Crisis: भारत ने ‘पड़ोस प्रथम’ नीति के तहत श्रीलंका को 270000 मीट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति की, 2.5 अरब डालर की सहायता, जानें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 7, 2022 08:19 PM2022-04-07T20:19:06+5:302022-04-07T20:19:54+5:30
Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका के लोगों के पेश आ रही कुछ आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के लिये भारत ने पिछले तीन महीने में पड़ोसी देश को 2.5 अरब डालर की सहायता प्रदान की है। प्रवक्ता ने बताया कि इस ऋण सुविधा में खाद्यान्न एवं ईंधन शामिल है और मध्य मार्च तक श्रीलंका को 2,70,000 मीट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति की गई।
Sri Lanka Economic Crisis: भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को उसकी आर्थिक स्थिति पटरी पर लाने में ‘पड़ोस प्रथम’ नीति के तहत सहयोग देना जारी रखने को तैयार है और वहां के घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बृहस्पतिवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता में एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘हमारा (भारत-श्रीलंका) सहयोग साझी बातों एवं हितों पर आधारित है और यह हाल के महीनों में मजबूत हुआ है।’ श्रीलंका में आर्थिक संकट एवं उसके कारण आपूर्ति समस्याओं के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा, ‘एक पड़ोसी और करीबी मित्र के रूप में भारत श्रीलंका में उभरती आर्थिक स्थिति और अन्य घटनक्रमों पर करीबी नजर रखे हुए हैं।’
We are neighbour & a close friend. There have been evolving economic situations as well as other developments. We've extended assistance of about USD 2.5 Bn worth during the past 2-3 months, it includes credit facilities for fuel & food which are most required: MEA on Sri Lanka pic.twitter.com/zvrzfzSe1l
— ANI (@ANI) April 7, 2022
उन्होंने कहा कि श्रीलंका के लोगों के पेश आ रही कुछ आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के लिये भारत ने पिछले तीन महीने में पड़ोसी देश को 2.5 अरब डालर की सहायता प्रदान की है। प्रवक्ता ने बताया कि इस ऋण सुविधा में खाद्यान्न एवं ईंधन शामिल है और मध्य मार्च तक श्रीलंका को 2,70,000 मीट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति की गई।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा श्रीलंका को हाल में उपलब्ध करायी गई एक अरब डालर की ऋण सुविधा के तहत 40 हजार टन चावल की आपूर्ति की गई है। गौरतलब है कि श्रीलंका इस समय सबसे बदतर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। देश में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन और रसोई गैस जैसे आवश्यक सामान की किल्लत हो गई है। प्रतिदिन 12 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि भारत और श्रीलंका के संबंध साझी सभ्यता पर आधारित मूल्यों एवं लोगों की आकांक्षाओं पर आधारित हैं ।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम हाल के घटनक्रम को इसी परिप्रेक्ष में देख रहे हैं और भारत की पड़ोस प्रथम नीति के अनुरूप श्रीलंका को कोविड बाद आर्थिक सुधार में उसे सहयोग जारी रखने को तैयार हैं । ’’ इससे एक दिन पहले, श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट में कहा था, ‘‘ ईंधन के लिये भारत की ऋण सुविधा पर काम शुरू ।
36 हजार मिट्रिक टन पेट्रोल और 40 हजार मिट्रिक टन डीजल की आपूर्ति की गई। भारतीय सहायता के तहत अब तक कुल 2,70,000 मीट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति की गई । ’’ उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में इस गंभीर आर्थिक संकट के कारण राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाले श्रीलंका के सत्तारूढ़ गठबंधन की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं और उस पर इस्तीफा देने का दबाव भी पड़ रहा है। हालांकि श्रीलंका की सरकार ने बुधवार को कहा था कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे किसी भी परिस्थिति में इस्तीफा नहीं देंगे और वह मौजूदा मुद्दों का सामना करेंगे।