श्रीलंका सीरियल ब्लास्ट: 10 दिन पहले मिला था अलर्ट, भारतीय दूतावास भी था चरमपंथियों के निशाने पर
By विकास कुमार | Updated: April 21, 2019 19:14 IST2019-04-21T18:55:24+5:302019-04-21T19:14:51+5:30
एएफपी के मुताबिक, श्रीलंका पुलिस को 10 दिन पहले ही बम धमाकों का इनपुट मिल गया था लेकिन इसके बावजूद हमलों को नहीं रोका जा सका. रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका पुलिस को इस बात की जानकारी मिली थी कि देश के प्रमुख चर्चों और इंडियन एम्बेसी पर चरमपंथी हमला हो सकता है.

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श्रीलंका आज कई सिलसिलेवार बम धमाकों से दहल उठा. ईस्टर के मौके पर लोग चर्चों में प्राथना के लिए जुटे थे. तीन चर्च और उतने ही होटल सहित कुल 8 धमाके हुए हैं.
अभी तक कुल 207 लोग मारे गए हैं और 500 से ज्यादा घायल हुए हैं. श्रीलंका की सरकार ने भी कहा है कि इन हमलों का इनपुट खुफिया एजेंसियों के पास था लेकिन इससे पहले की हमले को रोका जाता ब्लास्ट हो गए.
एएफपी के मुताबिक, श्रीलंका पुलिस को 10 दिन पहले ही बम धमाकों का इनपुट मिल गया था लेकिन इसके बावजूद हमलों को नहीं रोका जा सका.
रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका पुलिस को इस बात की जानकारी मिली थी कि देश के प्रमुख चर्चों और इंडियन एम्बेसी पर चरमपंथी हमला हो सकता है.
श्रीलंका पुलिस चीफ पूजुथ जयसुंद्रा ने 11 अप्रैल को सीनियर अधिकारियों को हमले को लेकर अलर्ट किया था.
जयसुंद्रा ने लिखा था कि 'विदेशी खुफिया विभाग ने जानकारी दी है कि एनटीजी (नैशनल तोहिथ जमात) नाम का संगठन सुसाइड हमलों की तैयारी कर रहा है.
एनजीटी श्रीलंका का एक कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन है जो पिछले साल बुद्ध की मूर्तियों को तोड़ कर चर्चा में आया था.
हमले की जिम्मेवारी अभी तक किसी भी संगठन ने नहीं ली है. इस मामले में अभी तक 7 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. सरकार का कहना है कि ज्यादातर हमले आत्मघाती थे.
पीएम मोदी ने इस मौके पर दुःख जताते हुए श्रीलंका के पीएम और राष्ट्रपति से बात की है और उन्हें हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया है.