'शेख हसीना ने जुलाई-अगस्त में भड़की हिंसा में प्रदर्शनकारियों की हत्या का आदेश दिया था' : ट्रिब्यूनल जज

By रुस्तम राणा | Updated: November 17, 2025 13:44 IST2025-11-17T13:44:37+5:302025-11-17T13:44:37+5:30

जज ने यह भी कहा कि शेख हसीना की सरकार ने प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए आग्नेयास्त्रों और हेलीकॉप्टरों सहित घातक हथियारों का इस्तेमाल किया, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक हिंसा और तबाही हुई।

Sheikh Hasina ordered killing of protesters in July-August unrest, says Tribunal judge | 'शेख हसीना ने जुलाई-अगस्त में भड़की हिंसा में प्रदर्शनकारियों की हत्या का आदेश दिया था' : ट्रिब्यूनल जज

'शेख हसीना ने जुलाई-अगस्त में भड़की हिंसा में प्रदर्शनकारियों की हत्या का आदेश दिया था' : ट्रिब्यूनल जज

ढाका: अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने सोमवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके दो वरिष्ठ सहयोगियों पर जुलाई 2024 के विद्रोह के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराध करने का आरोप लगाने वाले मामले में अपना फैसला सुनाया। पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून को इस मामले में सह-आरोपी बनाया गया है। न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण ने 453 पृष्ठों के फैसले के कुछ अंश पढ़े।

आईसीटी का कहना है कि अशांति के दौरान 1,400 लोग मारे गए

आईसीटी जज ने कहा कि जुलाई-अगस्त 2024 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान लगभग 1,400 लोग मारे गए और लगभग 24,000 घायल हुए। जज ने यह भी कहा कि शेख हसीना की सरकार ने प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए आग्नेयास्त्रों और हेलीकॉप्टरों सहित घातक हथियारों का इस्तेमाल किया, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक हिंसा और तबाही हुई।

आईसीटी के एक जज ने हसीना और दक्षिण ढाका नगर निगम के पूर्व मेयर के बीच कथित बातचीत को पढ़ते हुए कहा कि शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों को मारने के लिए हेलीकॉप्टरों और घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दिया था।

जज ने कहा- शेख हसीना ने भड़काई थी बांग्लादेश में हिंसा  

आईसीटी जज ने यह भी कहा कि शेख हसीना ने रजाकार टिप्पणी करके हिंसा भड़काई और लोगों को देश का दुश्मन करार दिया। बांग्लादेश की अदालत ने फैसला सुनाया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध किया है और उनके खिलाफ आरोप तय करने के पर्याप्त आधार हैं। 

अदालत ने हिंसा को कथित तौर पर भड़काने का भी हवाला दिया, जिसके कारण छात्रों की हत्या हुई, साथ ही 14 जुलाई की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई अपमानजनक टिप्पणियों का भी हवाला दिया।

गौरतलब है कि 78 वर्षीय शेख हसीना पर उस जन-विद्रोह से जुड़े कई आरोप हैं, जिसके कारण उन्हें अगस्त 2024 में पद छोड़ना पड़ा था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की एक रिपोर्ट का अनुमान है कि 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच "जुलाई विद्रोह" के दौरान 1,400 लोग मारे गए थे, क्योंकि उनकी सरकार ने व्यापक सुरक्षा कार्रवाई का आदेश दिया था।

हसीना और कमाल को भगोड़ा घोषित कर दिया गया और उनकी अनुपस्थिति में उन पर मुकदमा चलाया गया, जबकि मामून को सरकारी गवाह बनने से पहले व्यक्तिगत रूप से मुकदमे का सामना करना पड़ा।

मुख्य अभियोजक ने हसीना को 'मास्टरमाइंड और मुख्य रचनाकार' बताया

मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने हसीना को विरोध प्रदर्शनों के दौरान कथित अत्याचारों की "मास्टरमाइंड और मुख्य रचनाकार" बताया है। उनके समर्थकों का कहना है कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।

न्यायाधिकरण ने 28 कार्यदिवसों के बाद 23 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की, जिसमें 54 गवाहों ने 5 अगस्त, 2024 को हसीना की सरकार को गिराने वाले छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन पर राज्य की प्रतिक्रिया के बारे में गवाही दी।

बढ़ती अशांति के बीच हसीना बांग्लादेश छोड़कर भाग गईं

बढ़ती अशांति के बीच हसीना उसी दिन बांग्लादेश छोड़कर भाग गईं और तब से भारत में रह रही हैं। माना जाता है कि कमाल ने भी भारत में शरण ले ली है। मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन भारत ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।

फैसले से पहले देश भर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस कमिश्नर शेख मोहम्मद सज्जात अली ने रविवार शाम को आगजनी, विस्फोट या पुलिस एवं नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के प्रयास में शामिल किसी भी व्यक्ति को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए।

Web Title: Sheikh Hasina ordered killing of protesters in July-August unrest, says Tribunal judge

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