ब्रिटेन की शीर्ष मंत्री के इस्तीफे से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को लगा एक और झटका
By भाषा | Published: September 8, 2019 12:15 PM2019-09-08T12:15:46+5:302019-09-08T12:15:46+5:30
बोरिस जॉनसन को ब्रेक्जिट समझौते पर बुधवार को सांसदों ने समझौते के बिना ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने पर रोक लगाने संबंधी विधेयक को समर्थन दे दिया। इसके बाद जॉनसन ने 15 अक्टूबर को देश में समय पूर्व चुनाव कराने का प्रस्ताव पेश किया।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को शनिवार को एक और झटका लगा जब वरिष्ठ मंत्री अंबर रुड ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने ब्रेक्जिट संकट से निपटने के जॉनसन के तरीके के विरोध में अपना पद त्याग दिया। रुड ने ट्वीट किया, ‘‘मैंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है और कंजर्वेटिव व्हिप पद भी छोड़ दिया है।’’
उन्होंने सरकार के खिलाफ मतदान करने के लिए कंजर्वेटिव पार्टी के 21 सांसदों को निष्कासित करने के जॉनसन के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैं ऐसे में अपने पद पर नहीं बने रह सकती जब अच्छे, ईमानदार नरमपंथी कंजर्वेटिव सदस्यों को निष्कासित कर दिया गया।’’
बोरिस जॉनसन को ब्रेक्जिट समझौते पर बुधवार को सांसदों ने समझौते के बिना ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने पर रोक लगाने संबंधी विधेयक को समर्थन दे दिया। इसके बाद जॉनसन ने 15 अक्टूबर को देश में समय पूर्व चुनाव कराने का प्रस्ताव पेश किया। बुधवार को हुआ मतदान भी जॉनसन के खिलाफ गया जिससे वह संसद द्वारा ब्रेक्जिट समझौते पर पहुंचने के लिए कम से कम 31 जनवरी 2020 की समयसीमा मांगने के लिए बाध्य होंगे।
इससे पहले उन्हें मंगलवार को संसद में पहली बड़ी हार मिली थी। उनकी खुद की कंजर्वेटिव पार्टी के बागी सांसदों ने विपक्षी सांसदों के साथ मिलकर हाउस ऑफ कॉमन्स के कामकाज का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। गौरतलब है कि बोरिस जॉनसन इस वादे के साथ प्रधानमंत्री बने थे अगर 31 अक्टूबर तक ब्रेक्जिट पर समझौता नहीं हुआ तो भी ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अलग हो जाएगा जबकि विरोधी चाहते हैं कि यह समयसीमा बढ़ायी जाए।
विपक्षी सांसदों और टोरी बागियों ने सुनिश्चित किया कि ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से बिना किसी समझौते के बाहर होने से रोकने के लिए यह विधेयक पारित हो। इसका अर्थ है कि जॉनसन यूरोपीय संघ से बाहर होने की 31 अक्टूबर की समयसीमा को बढ़ाने की यूरोपीय संघ (ईयू) से मांग करेंगे। हालांकि उन्होंने मंगलवार को ही स्पष्ट कर दिया कि वह ब्रेक्जिट के लिए समयसीमा बढ़ाए जाने की मांग करने के बजाय आम चुनाव कराने का प्रस्ताव पेश करेंगे।
जॉनसन ने ‘‘समय पूर्व चुनाव’’ कराने का विधेयक पेश करते हुए कहा, ‘‘मैं चुनाव नहीं चाहता, जनता भी चुनाव नहीं चाहती लेकिन इस सदन ने इसके अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा कि जनता यह तय करे कि वह किसे प्रधानमंत्री देखना चाहती है।’’ उनके चुनाव कराने वाले प्रस्ताव पर ब्रिटेन के 650 सांसदों में से दो तिहाई का समर्थन जरूरी है। हालांकि इस पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि विपक्षी लेबर पार्टी ने संकेत दिए हैं कि वह जॉनसन के चुनाव कराने वाले प्रस्ताव के पक्ष में वोट नहीं करेगी।
जॉनसन ने दलील दी कि 31 अक्टूबर तक ब्रिटेन को समझौते के या बिना किसी समझौते के यूरोपीय संघ से अलग करने की उनकी धमकी इस आर्थिक समूह के 27 अन्य नेताओं को बेहतर शर्तों पर राजी होने के लिए विवश करेगी। हालांकि, उनके आलोचकों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जॉनसन आग से खेल रहे हैं क्योंकि इस तरह अलग होने से आर्थिक नुकसान होगा।