यमन के हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब में तेल डिपो पर किया हमला, आग में दो टैंक क्षतिग्रस्त, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने की निंदा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 26, 2022 07:46 AM2022-03-26T07:46:09+5:302022-03-26T07:53:30+5:30
यमन में सऊदी अरब ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों से लड़ने वाले गठबंधन का नेतृत्व कर रहा है। इन विद्रोहियों ने सितंबर 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्जा जमा लिया था। सऊदी अरब की अगुवाई वाले गठबंधन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल तुर्की अल-मालकी ने कहा कि आग में दो टैंक क्षतिग्रस्त हो गए।
जेद्दा (सऊदी अरब): यमन के हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब के जेद्दा शहर में फॉर्मूला वन स्पर्धा से पहले शुक्रवार को एक तेल डिपो पर हमला किया। यह विद्रोहियों का अब तक का सबसे हाई-प्रोफाइल हमला है। बहरहाल, सऊदी अरब प्राधिकारियों ने संकल्प जताया कि आगामी फॉर्मूला वन स्पर्धा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी। हमले में उसी तेल डिपो को निशाना बनाया गया है, जिस पर हाल के दिनों में हूती विद्रोहियों ने हमला किया था।
‘‘शत्रुतापूर्ण अभियान’’ में जेद्दा के तेल डिपो को निशाना बनाया गया
‘नॉर्थ जेद्दा बल्क प्लांट’ शहर के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के दक्षिणपूर्व में स्थित है और मक्का जाने वाले जायरीनों के लिए अहम पड़ाव है। हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। ‘सऊदी अरब ऑयल को’ जिसे सऊदी अरामको के नाम से भी जाना जाता है, उसने अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। सऊदी अरब के प्राधिकारियों ने माना कि एक ‘‘शत्रुतापूर्ण अभियान’’ में जेद्दा के तेल डिपो को निशाना बनाया गया। उन्होंने हमले में इस्तेमाल किए गए हथियार की जानकारी नहीं दी।
NEW - #Houthi strike just hit an #Aramco facility in #Jeddah, on the eve of the #SaudiArabia Grand Prix.pic.twitter.com/nRKYAvk2y7
— Charles Lister (@Charles_Lister) March 25, 2022
हूती विद्रोही क्यों कर रहे हमला?
यमन में सऊदी अरब ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों से लड़ने वाले गठबंधन का नेतृत्व कर रहा है। इन विद्रोहियों ने सितंबर 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्जा जमा लिया था। सऊदी अरब की अगुवाई वाले गठबंधन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल तुर्की अल-मालकी ने कहा कि आग में दो टैंक क्षतिग्रस्त हो गए। सरकारी सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार, अल-मालकी ने कहा, ‘‘इस शत्रुतापूर्ण कार्रवाई में तेल केंद्रों को निशाना बनाया गया और इसका मकसद ऊर्जा सुरक्षा एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था की रीढ़ को कमजोर करना है।’’ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्विटर पर इस हमले की निंदा की है।