वैज्ञानिकों ने अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में धरती की उम्र से भी पुराने पत्थर की खोज की है. इस पत्थर की उम्र करीब 4.5 अरब साल से भी ज्यादा बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि यह पत्थर दरअसल एक उल्कापिंड का हिस्सा है, जो अंतरिक्ष में घूमते समय धरती के गुरुत्वाकर्षण के कारण खिंचा चला आया.
यह उल्कापिंड हमारे ग्रह यानी पृथ्वी के अस्तित्व में आने से पहले से ही मौजूद था. अभी यह पता नहीं चल सका है कि यह पत्थर धरती पर कब गिरा था. शोधकर्ताओं के अनुसार, इस उल्कापिंड को एर्ग चेच 002 या ईसी002 नाम दिया गया है.
यह टुकड़ा किसी पुरातन ग्रह के मूल हिस्से का बताया जा रहा है. ऐसे पत्थरों को बिल्डिंग ब्लॉक के रूप में जाना जाता है. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह अब तक खोजा गया सबसे पुराना पत्थर है, जो बाहरी दुनिया से हमारी धरती पर आया है. यह पत्थर हमारे सोलर सिस्टम के शुरु आती दिनों के दौरान ग्रहों के बनने के तरीके पर भी दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है.
इस अध्ययन का नेतृत्व फ्रांस के यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ब्रिटनी के भू-रसायन विज्ञान के प्रोफेसर जीन-एलिक्स बाराट ने किया. उन्होंने प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित अध्ययन में बताया कि ईसी 002 सभी क्षुद्रग्रह समूहों से स्पष्ट रूप से अलग है.
अल्जीरिया के समुद्र में खोजा गया पत्थर
इस पत्थर की खोज अल्जीरिया के एर्ग चेच ड्यून समुद्र में की गई थी. इसी कारण इसे एर्ग चेच का नाम दिया गया है. इसमें वास्तव में कई सारे उल्कापिंड शामिल हैं, जिनका कुल वजन करीब 31 किलो के आसपास है.
इस पत्थर की खोज के बाद वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि आखिर कब किसी पुराने ग्रह के क्रस्ट का लावा जो पिघला हुआ था वह ठोस में परिविर्तत हो गया.
स्टडी के अनुसार, मैग्नीशियम और एल्युमीनियम आइसोटोप की जांच से पता चला है कि यह पत्थर लगभग 4.5 अरब साल पहले ठोस में बदल गया था.
इससे पहले एनडब्ल्यूए 11119 नाम के आग्नेय उल्कापिंड को खोजा गया था जो एर्ग चेच 002 से उम्र में करीब 12 लाख साल छोटा है. बताया जाता है कि इन चट्टानों के अस्तित्व में आने के लाखों साल बाद धरती का निर्माण हुआ था.