यूक्रेन संकट: रूस की अदालत ने ‘चरमपंथ’ के आरोप में फेसबुक, इंस्टाग्राम को प्रतिबंधित किया, व्हाट्सएप चलता रहेगा
By विशाल कुमार | Published: March 22, 2022 06:58 AM2022-03-22T06:58:53+5:302022-03-22T07:00:50+5:30
रूस की त्वरस्कोय जिला अदालत ने अभियोजकों के एक आग्रह को स्वीकार कर लिया जिसमें ‘मेटा प्लेटफॉर्म इंक’ को गैर कानूनी घोषित करने की मांग की गई थी और फेसबुक व इंस्टाग्राम को ‘चरमपंथी गतिविधियों’ के लिए प्रतिबंधित कर दिया।
मॉस्को: मॉस्को की एक अदालत ने सोमवार को ‘चरमपंथी गतिविधियों’ के मामले में फेसबुक और इंस्टाग्राम को प्रतिबंधित कर दिया। यह फैसला दोनों सोशल मीडिया मंचों की मूल कंपनी ‘मेटा’ के खिलाफ दायर मामले में आया है। रूस में इस महीने की शुरुआत में फेसबुक और इंस्टाग्राम तक पहुंच पहले ही प्रतिबंधित कर दी गई थी।
त्वरस्कोय जिला अदालत ने अभियोजकों के एक आग्रह को स्वीकार कर लिया जिसमें ‘मेटा प्लेटफॉर्म इंक’ को गैर कानूनी घोषित करने की मांग की गई थी और फेसबुक व इंस्टाग्राम को ‘चरमपंथी गतिविधियों’ के लिए प्रतिबंधित कर दिया।
अभियोजकों ने सोशल मीडिया मंचों पर यूक्रेन में रूस की सेना की कार्रवाई के संबंध में फर्जी खबरों और रूस में प्रदर्शनों की अपीलों को हटाने की रूस की सरकार के आग्रह को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया। अदालत के फैसले ने ‘मेटा’ को रूस में कार्यालय खोलने और व्यापार करने से प्रतिबंधित कर दिया।
मेटा को चरमपंथी करार देने का कदम ऐसे समय में सामने आया है जब रूस प्रदर्शनकारियों, स्वतंत्र मीडिया संस्थानों और विदेशी सोशल मीडिया नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई कर रहा है।
रूसी संसद ने इस महीने की शुरुआत में सेना के बारे में जानबूझकर फर्जी खबर फैलाने वालों के लिए 15 साल तक की जेल की सजा का कानून पारित किया था।
इससे पहले, तालिबान, यहोवा के गवाहों और जेल में बंद विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी के नेतृत्व में एक संगठन जैसे समूहों को इसी चरमपंथी कानून के तहत निशाना बनाया जा चुका है।
हालांकि, अदालत ने कहा कि मेटा की व्हाट्सएप मैसेंजर सेवा को प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा क्योंकि यह सूचना का स्रोत नहीं है बल्कि संचार का साधन है।