Russia Ban Facebook: रूस में फेसबुक पर लगी रोक, सोशल मीडिया कंपनी के सरकारी संस्थानों पर प्रतिबंध के बाद गवर्नमेंट ने उठाया यह कदम
By आजाद खान | Updated: February 26, 2022 08:35 IST2022-02-26T07:15:15+5:302022-02-26T08:35:56+5:30
आपको बता दें कि दुनिया के नक्शे में बदलाव करने और रूस के शीतयुद्ध कालीन प्रभाव को बहाल करने के लिए यह पुतिन का अभी तक का सबसे बड़ा कदम है।

Russia Ban Facebook: रूस में फेसबुक पर लगी रोक, सोशल मीडिया कंपनी के सरकारी संस्थानों पर प्रतिबंध के बाद गवर्नमेंट ने उठाया यह कदम
Russia Ukraine War: रूस के अधिकारियों ने शुक्रवार को फेसबुक के इस्तेमाल पर 'आंशिक पाबंदी' लगा दी है। यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर फेसबुक द्वारा रूस समर्थित मीडिया संस्थानों के विभिन्न अकाउंट पर रोक लगाए जाने के बदले यह पाबंदी लगाई गई है। रूस के यूक्रेन पर हमले को देखते हुए कई देशों ने अपने-अपने स्तर पर प्रतिबंध लगाई है। इसी प्रतिबंध का एक रूप फेसबुक भी है।
रूसी सरकारी ने कई मीडिया संस्था पर लगाए गए रोक को हटाने की मांग की थी
रूस की सरकारी संचार एजेंसी 'रोसकोमनादजोर' ने शुक्रवार को कहा कि उसने फेसबुक से सरकारी समाचार एजेंसी 'आरआईए नोवोस्ती', सरकारी टीवी चैनल 'ज्वेज्दा' और सरकार समर्थक समाचार वेबसाइटों 'लेंटा डॉट आरयू' तथा 'गाजेटा डॉट आरयू' पर गुरूवार को लगाई गई रोक हटाने की मांग की थी।
एजेंसी ने कहा कि फेसबुक ने मीडिया संस्थानों के अकाउंट बहाल नहीं किये। एजेंसी ने कहा कि 'आंशिक पाबंदी' शुक्रवार को प्रभावी हो गई। उसने अपने इस कदम को रूसी मीडिया की रक्षा के लिये उठाया गया कदम बताया है।
सभी देश इसे रोकने के लिए हो रहे एक जुट
रूसी सैनिकों ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर शुक्रवार को हमला शुरू दिया है। सरकारी इमारतों के निकट गोलीबारी और विस्फोटों की आवाजें गूंज रही थीं। रूस की इस कार्रवाई से यूरोप में व्यापक युद्ध की आशंका पैदा हो गई है वहीं उसे रोकने के लिए दुनियाभर में प्रयास भी शुरू हो गए हैं।
रूसी सौनिकों ने कई इमारत, पुल और स्कूल गिराएं
युद्ध से सैकड़ों लोगों के हताहत होने की सूचनाओं के बीच कीव में इमारतों, पुलों और स्कूलों के सामने भी गोलीबारी और विस्फोटों की घटनाएं हुई हैं। इस बात के भी संकेत बढ़ रहे थे कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन की मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रहे हैं। दुनिया के नक्शे में बदलाव करने और रूस के शीतयुद्ध कालीन प्रभाव को बहाल करने के लिए यह पुतिन का अभी तक का सबसे बड़ा कदम है।
हालांकि इस युद्ध में अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यूक्रेन का कितना हिस्सा अब भी उसके कब्जे में है और कितने हिस्से पर रूस का नियंत्रण हो गया है। इस बीच क्रेमलिन ने बातचीत करने की कीव की पेशकश स्वीकार कर ली लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि यह युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के प्रति नरमी दिखाते हुए किया जा रहा है, ना की मामले का कूटनीतिक हल निकालने के लिए।
पश्चिमी देशों ने बुलाई आपातकालीन बैठक
पश्चिमी देशों के नेताओं ने आपातकालीन बैठक बुलाई है और यूक्रेन के राष्ट्रपति ने ऐसे हमलों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की गुहार लगाई है क्योंकि उन्हें आशंका है कि रूस लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई उनकी सरकार को बेदखल कर सकता है। यूक्रेन में बड़े पैमाने पर लोग हताहत हो सकते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है।