नई दिल्ली: दुनियाभर में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले की चौतरफा निंदा हो रही है। इसके चलते नाटो और यूरोपियन यूनियन के देशों ने रूस पर बेहद कड़े आर्थिक प्रतिबंधों को लगाया है। युद्ध के छठे दिन यानी मंगलवार को भारत स्थित यूक्रेन के राजदूत डॉक्टर इगोर पोलिखा ने यूक्रेन पर रूस के हमले को भारत के मध्यकालीन इतिहास से जोड़ दिया है। यूक्रेनियन राजदूत ने मंगलवार को कहा कि यह ठीक वैसा ही नरसंहार है जो मुगलों ने राजपूतों के खिलाफ किया था।
इस दौरान पोलिखा ने यूक्रेन की उस चिंता को भी भारतीय मीडिया के सामने रखा कि कोई देश सैन्य मदद भेजकर यूक्रेन की सहायता नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा, हम हर बार दुनिया के सभी प्रभावशाली नेताओं से, जिनमें मोदी जी भी शामिल हैं, पुतिन के खिलाफ बमबारी और गोलाबारी रोकने के लिए हर संसाधन का उपयोग करने के लिए कह रहे हैं।
यूक्रेन के राजदूत ने भारतीय विदेश मंत्रालय के साथ यूक्रेन में भारत की मानवीय सहायता को भेजने को लेकर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने भारत का आभार भी प्रकट किया। उन्होंने कहा, भारतीय सहायता को लेकर पहला विमान आज पोलैंड में उतरने की उम्मीद है। मुझे विदेश सचिव द्वारा आश्वासन दिया गया था कि यूक्रेन को अधिकतम मानवीय सहायता मिलेगी।
वहीं यूक्रेन के खारकीव में गोलाबारी में मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की मौत पर भी यूक्रेन के राजदूत ने संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। पहले सैन्य स्थलों पर गोलाबारी और बमबारी होती थी लेकिन अब नागरिक क्षेत्रों में भी हो रही है