Russia-Ukraine Crisis: यूक्रेन की राजधानी कीव में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मेयर ने इसकी घोषणा की। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि रूसी सेना चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है, जहां दुनिया की सबसे भीषण परमाणु दुर्घटना हुई थी।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के एक सलाहकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश पर रूसी हमले में अब तक करीब 50 लोग मारे जा चुके हैं। राष्ट्रपति के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच ने कहा कि हमले में कई लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन निवासियों को पिछले कई सप्ताह से चेतावनी दी जा रही थी कि रूस के साथ युद्ध आसन्न है, लेकिन बृहस्पतिवार को जब हमला हुआ तो कई लोगों को यह समझ नहीं आ रहा था कि वे इस पर कैसे प्रतिक्रिया जतायें।
यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकिव में मिसाइल के टुकड़े ने मिखाइल शचरबकोव के आवास की छत को भेद दिया। शचरबकोव ने कहा, ‘‘मैंने शोर सुना और नींद खुल गयी। मुझे एहसास हुआ कि यह तोप से दागे गए गोले की आवाज थी।’’ शचरबकोव तुरंत अपनी मां को जगाने के लिए गए और तभी पास में कुछ धमाका हुआ।
राजधानी कीव में नागरिक सुरक्षा सायरन बज रहे थे, लेकिन शहर की मुख्य सड़क ख्रेशत्यक पर चिंता और डर के साथ सामान्य स्थिति की मिलीजुली प्रतिक्रिया दिखी। कीव में सुबह में पेट्रोल पंप पर कारों की लंबी लाइन लग गई जबकि अन्य कारें शहर से दूर जाती दिखीं। कहां जाएं, किधर जाएं की अनिश्चितता के बीच कई लोगों ने अपने सामान के साथ सबवे में पनाह ली। खारकिव की एक निवासी शासा ने कहा, ‘‘आज मेरे जीवन की सबसे खराब सुबह थी।’’ शोर सुनकर शासा अपने आवास की बालकनी में गईं तो पता चला कि यह पटाखे की आवाज नहीं थी।
यूक्रेन की पूर्वी सीमा से दूर कई शहरों में धुएं का गुबार उठता दिखा। कुछ लोग यह सब देखकर घबरा गए। कीव के एक निवासी ने कहा, ‘‘मैं नहीं डरता। मैं काम पर जा रहा हूं। केवल असामान्य बात यह है कि आपको कीव में टैक्सी नहीं मिल सकती है।’’ जिस होटल में ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के कई पत्रकार रुके हुए थे वहां उन्हें 30 मिनट के भीतर खाली करने का आदेश दिया गया।
बाहर, मेहमानों ने अपना सामान जल्दबाजी में कारों में लादा, जबकि कुछ राहगीर ने उनकी ओर हाथ हिलाया। शहर के बाहरी इलाके में कुछ लोग विस्फोट की आवाज से जाग गए थे, लेकिन कुछ अन्य को कोई आवाज नहीं सुनायी दी। अजोव सागर से लगे बंदरगाह शहर मारियुपोल में पत्रकारों ने संयम और भय के दृश्य देखे।
लोग बस स्टॉप पर इंतजार कर रहे थे, ऐसा लग रहा था कि वे काम पर जाने के रास्ते में हैं, जबकि अन्य लोग अपनी कारों में शहर छोड़ने के लिए जल्दबाजी में थे। दिन चढ़ने के साथ यूक्रेन के अन्य शहरों में भी सायरन बजने लगे। लोग किराना दुकानों और एटीएम पर पहुंचने लगे और जरूरी सामान संग्रहित करने की हड़बड़ी में दिखे। कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने शहर के 30 लाख लोगों से घर के अंदर रहने की अपील की। उन्होंने लोगों से दवा और पहचान दस्तावेजों जैसे जरूरी सामान के साथ अपने-अपने बैग भी तैयार रखने को कहा।
संकट बढ़ने के साथ राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पिछले कई सप्ताह से लोगों से शांति बनाए रखने और नहीं घबराने की अपील कर रहे थे। जेलेंस्की ने कहा था कि अफरातफरी दिखाने से रूस को ही फायदा होगा जिसने यूक्रेन की सीमाओं पर 1,50,000 सैनिकों का जमावड़ा कर रखा था।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बृहस्पतिवार को जैसे ही देश में ‘मार्शल लॉ’ लगाने की घोषणा की, यूक्रेन के लोगों को लगा कि सब कुछ बदल सकता है। कीव की निवासी एलिजावेटा मेलनिक ने कहा, ‘‘मैं घबराहट हुई, डरी हुई हूं। मुझे नहीं पता कि किससे मदद मांगनी चाहिए। हमें विश्वास नहीं था कि यह स्थिति आएगी।’’