लाइव न्यूज़ :

नेपाल में हड़ताल से जन-जीवन प्रभावित, 157 प्रदर्शनकारियों को किया गया गिरफ्तार

By भाषा | Updated: February 4, 2021 17:10 IST

Open in App

(शिरीष बी. प्रधान)

काठमांडू, चार फरवरी नेपाल में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ वाले गुट द्वारा प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली नीत सरकार के खिलाफ बृहस्पतिवार को आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल से जन-जीवन प्रभावित हुआ और प्रदर्शन कर रहे 157 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सरकार द्वारा विभिन्न संवैधानिक संस्थानों में नियुक्त नए सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाने के सरकार के कदम का विरोध करने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के इस गुट ने बृहस्पतिवार को हड़ताल आयोजित की है।

इस दौरान अधिकतर बड़े बाजार, शिक्षण संस्थान, कार्यालय और फैक्ट्रियां बंद रहीं और परिवहन सेवाएं भी प्रभावित हुईं।

सरकार ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए काठमांडू में कम से कम पांच हजार सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया था। सुबह से राजधानी में केवल कुछ ही वाहन सड़क पर दिखे।

इस बीच, पुलिस ने प्रचंड धड़े के कम से कम 157 कार्यकर्ताओं को जबरन बंद कराने के आरोप में गिरफ्तार किया। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय समिति की सदस्य अष्ट लक्ष्मी शाक्य, हिमाल शर्मा और अमृता थापा को भी गिरफ्तार किया गया है। हड़ताल की अवहेलना करने पर प्रदर्शनकारियों ने कम से कम तीन वाहनों का क्षतिग्रस्त भी किया।

नेपाल पुलिस के प्रवक्ता एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बसंत कुंवर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ काठमांडू घाटी से 80 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य 77 को घाटी के बाहर से गिरफ्तार किया गया।’’

उन्होंने बताया कि ये लोग तोड़फोड़ और आगजनी के कृत्य में शामिल थे।

मेट्रोपॉलिटन ट्रैफिक पुलिस काठमांडू के अनुसार, सुबह-सुबह गोंगबाबू बस पार्क के पास प्रदर्शनकारियों द्वारा एक टैक्सी में आग लगा दी गई। एक अन्य टैक्सी और एक माइक्रोबस को काठमांडू के बाहरी इलाके में स्वायंभु और चाबहिल में क्षतिग्रस्त किया गया।

उल्लेखनीय है कि बुधवार की सुबह मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा ने राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी की उपस्थिति में करीब चार दर्जन लोगों को विभिन्न संवैधानिक निकायों के लिए पद की शपथ दिलाई।

संसद के भंग होने के बाद संवैधानिक निकायों के लिए नवनियुक्त सदस्यों ने सामान्य प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए संसदीय सुनवाई के बिना पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।

प्रचंड धड़े के प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ ने बुधवार को विभिन्न संवैधानिक निकायों में पदाधिकारियों एवं सदस्यों की ओली सरकार द्वारा नियुक्ति को अंसवैधानिक करार दिया था। उन्होंने कहा कि यह सरकार की अधिनायकवादी प्रवृत्ति को प्रदर्शित करता है।

प्रधानमंत्री ओली द्वारा हाल में मंत्रिमंडल में किए गए फेरबदल की इशारा करते हुए श्रेष्ठ ने कहा था कि कार्यवाहक सरकार को नई नियुक्ति करने का अधिकार नहीं है और न ही मंत्रिमंडल में फेरबदल करने का।

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 20 दिसम्बर को नेपाल में राजनीतिक संकट की स्थिति उस समय उत्पन्न हो गई जब चीन समर्थक माने जाने वाले 68 वर्षीय ओली ने स्तब्ध करने वाला कदम उठाते हुए संसद को भंग करने की सिफारिश कर दी। उन्होंने यह कदम प्रचंड के साथ चल रहे सत्ता संघर्ष की वजह से उठाया।

ओली द्वारा 275 सदस्यीय सदन को भंग करने के फैसले से नेपाल के कम्युनिस्ट पार्टी के बड़े धड़े द्वारा विरोध शुरू हो गया जिसका नेतृत्व पार्टी के सह अध्यक्ष प्रचंड कर रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतBJP ने तेजस्वी यादव पर कसा तंज, जारी किया पोस्टर; लिखा- "तेजस्वी यादव ‘लापता’, ‘पहचान: 9वीं फेल"

क्रिकेटIPL ऑक्शन में इतिहास रचते कैमरन ग्रीन, बने सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी

क्राइम अलर्टMaharashtra: नौकरी का झांसा देकर महिला से गैंगरेप, पीड़िता ने दर्ज कराई शिकायत

क्रिकेटक्या धैर्य का फल मीठा होता है?, पृथ्वी साव और सरफराज खान बिके, 7500000-7500000 रुपये में दिल्ली कैपिटल्स और सीएसके से जुड़े

विश्व1 जनवरी 2026 से लागू, 20 और देशों पर यात्रा प्रतिबंध?, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा, देखिए सूची

विश्व अधिक खबरें

विश्वIndia-Israel: विदेश मंत्री जयशंकर की इजरायली पीएम नेतन्याहू से मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा

विश्वविदेशी धरती पर पीएम मोदी को मिला इथियोपिया का सर्वोच्च सम्मान, यह अवार्ड पाने वाले बने विश्व के पहले नेता

विश्वसोशल मीडिया बैन कर देने भर से कैसे बचेगा बचपन ?

विश्वऔकात से ज्यादा उछल रहा बांग्लादेश

विश्व7 सिस्टर्स को भारत से अलग कर देंगे: बांग्लादेश नेता की गीदड़ भभकी, असम के सीएम ने भी दिया करारा जवाब, VIDEO