लाइव न्यूज़ :

प्रचंड ने संसद भंग करने के ओली के कदम के खिलाफ भारत, चीन से समर्थन मांगा

By भाषा | Updated: February 9, 2021 19:56 IST

Open in App

काठमांडू, नौ फरवरी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले धड़े ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी ने संसद भंग करने के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के ‘‘असंवैधानिक एवं अलोकतांत्रिक’’ कदम के खिलाफ भारत और चीन सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की अपील की है।

गौरतलब है कि ओली ने प्रचंड के साथ सत्ता को लेकर रस्साकशी के बीच एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए पिछले साल 20 दिसंबर को प्रतिनिधि सभा भंग कर दी, जिसके बाद नेपाल में राजनीतिक संकट गहरा गया। 275 सदस्यीय सदन को भंग करने के उनके कदम का पार्टी के प्रचंड नीत धड़े ने विरोध किया। प्रचंड सत्तारूढ़ दल के सह-अध्यक्ष भी हैं।

प्रचंड ने काठमांडू में अंतरराष्ट्रीय मीडिया के एक चुनिंदा समूह से बातचीत में कहा, ‘‘यदि हमें संघीय ढांचे एवं लोकतंत्र को मजबूत करना है तो प्रतिनिधि सभा को बहाल करना होगा तथा शांति प्रक्रिया को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाना होगा।’’

उन्होंने बुधवार को काठमांडू में होने वाली अपने धड़े की एक विशाल विरोध रैली से पहले कहा, ‘‘मेरा मानना है कि उच्च्तम न्यायालय प्रतिनिधि सभा भंग करने के प्रधानमंत्री ओली के असंवैधानिक एवं अलोकतांत्रिक कदम को स्वीकृति नहीं देगा। ’’

प्रचंड ने चेतावनी दी कि यदि सदन को बहाल नहीं किया गया तो देश एक गंभीर राजनीतिक संकट में चला जाएगा।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने पड़ोसी देशों भारत और चीन सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ओली के इस असंवैधानिक एवं अलोकतांत्रिक कदम के खिलाफ उनके (प्रचंड नीत धड़े के) जारी संघर्ष को समर्थन देने की अपील की है।

प्रचंड ने कहा , ‘‘हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस बात से अवगत कराया है कि ओली के कदम से लोकतंत्र का क्षरण हुआ है और हम भारत, चीन सहित यूरोपीय संघ तथा अमेरिका से देश के संघीय ढांचे और लंबे संघर्ष के बाद हासिल किये गये लोकतंत्र के प्रति समर्थन मांग रहे हैं।’’

भारत ने संसद भंग करने और नये चुनाव कराने के ओली के फैसले को नेपाल का आंतरिक मामला बताते हुए कहा है कि इस बारे में पड़ोसी देश को ही अपनी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के मुताबिक फैसला करना होगा।

हालांकि, चीन ने सत्तारूढ़ पार्टी को विभाजित होने से रोकने की अपनी कोशिश के तहत पिछले साल दिसंबर में चार सदस्यीय एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा था, जिसने एनसीपी के कई शीर्ष नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें की थीं।

यह पूछे जाने पर कि क्या ओली(68) ने किसी दूसरे देश के प्रभाव में आकर संसद भंग करने का फैसला किया था, प्रचंड ने कहा, ‘‘हमें अपने आंतरिक मामलों में विदेशी तत्वों को शामिल नहीं करने की जरूरत है क्योंकि इस तरह की चीजें बाहरी माहौल के बजाय आंतरिक स्थिति से कहीं अधिक निर्धारित होंगी। ’’

गौरतलब है कि ओली, चीन के प्रति झुकाव रखने को लेकर जाने जाते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारगजब खेला है?, यूपी में 3.62 करोड़ के पास राशन कार्ड, 15 करोड़ लोग पा रहे फ्री राशन?, 500000 नाम कटेंगे, कार-मोटरसाइकिल मालिक ले रहे फ्री राशन?

भारतकांग्रेस की हार की वजह ईवीएम या मतदाता सूची नहीं, राहुल गांधी का नेतृत्व?, अमित शाह ने संसद में कहा-पूरी दुनिया में भारतीय लोकतंत्र की छवि धूमिल कर रहे, वीडियो

क्रिकेटधोनी और रोहित की तरह कूल सूर्यकुमार?, स्टेन ने कहा-दुनिया का हर खिलाड़ी ऐसा कप्तान चाहता...

भारतविश्व धरोहर दीपावली?, यूनेस्को में गूंजे ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’, पीएम मोदी और सीएम योगी ने क्या कहा?, देखिए तस्वीरें और वीडियो

भारतछत्रपति संभाजीनगर महानगर पालिका चुनावः 115 वार्ड और भाजपा टिकट के लिए 1350 लोगों ने किया आवेदन

विश्व अधिक खबरें

विश्वसोशल मीडिया बैन, 16 साल से बच्चों पर लागू, फेसबुक, इंस्टाग्राम, किक, रेडिट, स्नैपचैट, थ्रेड्स, टिकटॉक, एक्स, यूट्यूब और ट्विच जल्दी हटाएं नहीं तो 3.29 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुर्माना

विश्वInternational Human Rights Day 2025: 10 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है मानवाधिकार दिवस? जानें क्या है महत्व

विश्वट्रम्प की इससे ज्यादा बेइज्जती और क्या हो सकती है ? 

विश्वपाकिस्तान टूटने की कगार पर, 'सिंधुदेश' की मांग को लेकर कराची में भड़की हिंसा

विश्वसिंध प्रांतः हिंदू महिला और नाबालिग बेटी का अपहरण, 3 हथियारबंद शख्स ने घर से बाहर निकलते ही जबरन सफेद कार में बैठाया और...