पोप फ्रांसिस और इराक के शीर्षतम शिया धर्मगुरू ने की ऐतिहासिक बैठक

By भाषा | Published: March 6, 2021 06:11 PM2021-03-06T18:11:32+5:302021-03-06T18:11:32+5:30

Pope Francis and Iraq's top most Shia cleric hold historic meeting | पोप फ्रांसिस और इराक के शीर्षतम शिया धर्मगुरू ने की ऐतिहासिक बैठक

पोप फ्रांसिस और इराक के शीर्षतम शिया धर्मगुरू ने की ऐतिहासिक बैठक

उर (इराक), छह मार्च (एपी) पोप फ्रांसिस और इराक के शीर्षतम शिया धर्मगुरू ने शनिवार को शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का संदेश दिया एवं इस युद्ध प्रभावित अरब देश के मुसलमानों से लंबे समय से मुश्किलों से घिरे ईसाई समुदाय को गले लगाने की अपील की।

शीर्षतम शिया धर्म गुरू अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी ने कहा कि धर्म विषयक अधिकारियों का इराक के ईसाइयों की रक्षा करने में अहम भूमिका है और उन्हें शांति से रहना चाहिए एवं अन्य इराकियों की भांति अधिकारों का उपभोग करना चाहिए।

वैटिकन ने कहा कि फ्रांसिस ने इराक के हाल के इतिहास में सबसे हिंसक दौरों में से कुछ के दौरान ‘सबसे अधिक उत्पीड़न के शिकार रहे सबसे कमजोर लोगों की रक्षा के पक्ष में आवाज उठाने को लेकर’ अली अल-सिस्तानी को धन्यवाद दिया।

अल सिस्तानी (90) शिया इस्लाम में वरिष्ठतम धर्मगुरूओं में एक हैं और उनके दुर्लभ एवं प्रभावशाली राजनीतिक हस्तक्षेप ने वर्तमान इराक की रूपरेखा तय करने में मदद की है।

वह शिया बहुल इराक में बहुत सम्मानीय हस्ती हैं तथा धार्मिक एवं अन्य विषयों पर उनकी राय दुनियाभर में शिया समुदाय के लोग मांगते हैं।

फ्रांसिस के साथ उनकी इस ऐतिहासिक बैठक से पहले महीनों तक उसकी तैयारी की गयी और अयातुल्ला के कार्यालय एवं वैटिकन ने उसकी एक एक बारीकियों पर चर्चा की।

पोप फ्रांसिस और अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी ने शनिवार को इराक के नजफ शहर में बैठक की। दोनों धर्मगुरुओं ने कई मुद्दों पर बातचीत की।

एक अधिकारी ने बताया कि यह बैठक करीब 40 मिनट तक चली, जब फ्रांसिस पहुंचे तब वह उनका अभिवादन करने के लिए अपने कमरे के दरवाजे पर खड़े हो गये, आम तौर पर अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी आंगुतकों के आने पर खड़ा नहीं होते हैं।

अधिकारी के अनुसार दोनों एक दूसरे के करीब बैठे और उन्होंने मास्क भी नहीं लगाये थे। एक दिन पहले ही फ्रांसिस कई लोगों से मिले थे एवं उन्होंने टीका भी लगवा रखा है , जबकि अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी ने टीका नहीं लिया है।

पोप का स्वागत करने के लिए लोग पारंपरिक परिधानों में अपने घरों के बाहर खड़े थे। शांति के प्रतीक के तौर पर कुछ सफेद कबूतर भी छोड़े गए।

पोप के आगमन का इराकी टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया गया और लोगों ने दोनों धर्मगुरुओं की मुलाकात पर प्रसन्नता व्यक्त की।

नजफ के निवासी हैदर अल इलयावी ने कहा, ‘‘हम इराक में, खासकर नजफ में आने और धर्मगुरु अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी के साथ पोप की मुलाकात का स्वागत करते हैं। यह एक एतिहासिक दौरा है और उम्मीद है कि इससे इराक और यहां के लोगों का भला होगा।’’

पोप शुक्रवार को इराक पहुंचे और उन्होंने देश की पहली यात्रा के दौरान वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की। उनकी यात्रा का मकसद लोगों के बीच बंधुत्व की भावना को बढ़ाना है। कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद से पोप की यह पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा है।

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Web Title: Pope Francis and Iraq's top most Shia cleric hold historic meeting

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