पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) और गिलगित बाल्टिस्तान के कश्मीरी नेता डॉ. अमजद अयूब मिर्जा ने COVID-19 के खिलाफ उठाए कदम पर प्रधानमंत्री की तारीफ की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का समर्थन करते हुए कहा है कि यह बहुत ही सराहनीय काम है। उन्होंने रविवार को जनता कर्फ्यू की धोषणा करके बहुत अच्छे कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में जो स्थिति है वहां नेतृत्व की कमी और कोई राष्ट्रीय कार्य योजना नहीं होने के कारण कुछ चीजे नियंत्रण से बाहर है। कोविड- 19 के संक्रमित लोगों को अलग रखने के लिए पीओके भेजा जा रहा है। जो पूरी तरह अस्वीकार्य है। ऐसे लोगों को यहां लाने से वायरस यहां भी फैल सकता है। उन्होंने कहा कि चीन और गिलगित बाल्टिस्तान के बीच सीमा को बंद कर देना चाहिए। गिलगित का एक युवक कोरोना वायरस से लड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि यहां के अस्पतालों में शौचालय, पानी सुविधाओं की कितनी कमी है। इस हालात में बाल्टिस्तान और कारगिल के बीच की सीमा को खोल देना चाहिए और भारतीय डॉक्टरों और चिकित्सा विशेषज्ञयों की एक टीम को हमारी मदद के लिए भेजा जाना चाहिए.
ग्लासगो स्थित डॉ. मिर्जा ने बाद में इस बात पर जोर दिया कि चीन पाकिस्तान (CPEC) परियोजना को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए। पीएम मोदी की जनता कर्फ्यू की तरह कोई ठोस कदम उठाने चाहिए। इसके विपरीत, पाकिस्तान सरकार लॉकडाउन सुनिश्चित करने के लिए लगातार मना करती है, जिसका खामियाजा वक्त के साथ भुगतना पड़ सकता है।
डॉ. मिर्जा ने कहा कि गिलगित में अबतक 21 से अधिक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगो की पुष्टि की गई है। पूरे आंकड़े अभी सामने नहीं आए हैं। वास्तविक आंकड़े बहुत अधिक है। गिलगित बाल्टिस्तान में कोई मास्क या सैनिटाइटर उपलब्ध नहीं है। मैं लद्दाख के लोगों और भारत सरकार से हमारी मदद के लिए आने का आग्रह करता हूं।
वाशिंगटन डीसी में रहने वाले गिलगित बाल्टिस्तान के एक राजनीतिक कार्यकर्ता सगेन हसन सेरिंग ने एएनआई को बताया कि पीएम मोदी दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के उम्मीद के मुताबिक बहुत ही सहायक भूमिका निभा रहे हैं।