क्या है QUAD? जानें भारत के लिए क्या है इसकी अहमियत
By अंजली चौहान | Updated: September 22, 2024 10:48 IST2024-09-22T10:45:56+5:302024-09-22T10:48:40+5:30
PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं ने आज अपनी तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा के लिए फिलाडेल्फिया पहुंचने के कुछ घंटों बाद विलमिंगटन, डेलावेयर में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन में मुलाकात की।

क्या है QUAD? जानें भारत के लिए क्या है इसकी अहमियत
PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में आयोजित क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हुए हैं। आइए आपको बताते हैं कि आखिर यह क्वाड क्या है और भारत के लिए इसकी अहमियत क्या है?
क्या है QUAD ?
आसान भाषा में कहें तो क्वाड चार देशों का एक समूह है। जिसमें कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान शामिल हैं। चारों ही लोकतांत्रिक देश हैं जो कि आसान और सुरक्षित समुद्री व्यापार के हिमायती हैं। इस समूह का लक्ष्य है हिंद-प्रशांत क्षेत्र मुक्त और समृद्ध रहे। क्वाड समूह बनाए जाने का विचार सबसे पहले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को साल 2007 में आया था। हालांकि उस समय चीन के दबाव में ऑस्ट्रेलिया ने खुद को इससे दूर कर लिया था। आखिरकार 2017 में इसका गठन हुआ।
Quad Summit: India announces USD500,000 scholarship for Indo-Pacific students
— ANI Digital (@ani_digital) September 22, 2024
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भारत के लिए क्वाड की अहमियत?
चीन को जवाब: चीन भारत को हिमालयी क्षेत्र में चुनौती देता है। इसका तोड़ भारत ने समुद्री क्षेत्र में दिया है। भारतीय समुद्री क्षेत्र से होते हुए चीन बहुत सा कारोबार करता है। ऐसे में भारत क्वाड के जरिए चीन पर नकेल कस सकता है। अगर चीन ने भारत को नुकसान पहुंचाने की सोची तो भारत भी उसके समुद्री कारोबार पर निशाना साध सकता है।
सुरक्षा मुहैया कराने वाले देश के रूप में: हिंद प्रशांत क्षेत्र पूरी दुनिया के लिए एक अहम क्षेत्र है। भारत अपनी भौगोलिक स्थिति का लाभ लेकर दुनिया में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। भारत प्राकृतिक आपदा से निपटने और मानवीय सहायता में भी अहम भूमिका निभा रहा है।
क्वाड के आगे चुनौतियां
एक स्पष्ट नजरिए की कमी: क्वाड समूह के पास अपने मिशन को लेकर स्पष्टता नहीं है। समुद्र तक सीमित: हिंद-प्रशांत पर पूरा ध्यान होने से क्वाड एक समुद्री समूह बनकर रह जाता है। भारतीय नजरिया: तथ्य यह है कि भारत एकमात्र सदस्य है जो किसी भी संधि के खिलाफ है।
क्वाड के लिए आगे का रास्ता
क्वाड देशों को सभी के आर्थिक और सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए हिंद-प्रशांत नजरिए को बेहतर ढंग से समझाने की जरूरत है। भारत के इस क्षेत्र में कई अन्य साझेदार हैं; इसलिए, भारत को इंडोनेशिया, सिंगापुर जैसे देशों को भविष्य में शामिल होने के लिए आमंत्रित करना चाहिए। भारत को एक व्यापक दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए जो वर्तमान और भविष्य की समुद्री चुनौतियों पर विचार करे, अपने सैन्य और गैर-सैन्य उपकरणों को मजबूत करे, अपने रणनीतिक भागीदारों को शामिल करे।