पाकिस्तान की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री सलीम ने इसरो को चंद्रयान..2 मिशन के लिए बधाई दी, कहा-गर्व की बात

By भाषा | Updated: September 9, 2019 18:39 IST2019-09-09T18:39:39+5:302019-09-09T18:39:39+5:30

सलीम ने कहा है कि चंद्रमा पर लैंडिंग का प्रयास करना ही अपने आप में दक्षिण एशिया के साथ ही पूरे वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक ‘‘बड़ी छलांग’’ है। उल्लेखनीय है कि चंद्रयान..2 के लैंडर ‘विक्रम’ की शुक्रवार देर रात चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की योजना उम्मीद के अनुरूप सफल नही हो पायी थी।

Pakistan's first female astronaut Salim congratulated India and ISRO for Chandrayaan mission | पाकिस्तान की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री सलीम ने इसरो को चंद्रयान..2 मिशन के लिए बधाई दी, कहा-गर्व की बात

सलीम ने कहा है कि चंद्रमा पर लैंडिंग का प्रयास करना ही अपने आप में दक्षिण एशिया के साथ ही पूरे वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक ‘‘बड़ी छलांग’’ है।

Highlightsसलीम अंतरिक्ष में जाने वाली पहली पाकिस्तानी हैं। वह सर रिचर्ड ब्रैनसन के वर्जिन गैलेक्टिक से अंतरिक्ष में गई थीं।उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में अंतरिक्ष के क्षेत्र में क्षेत्रीय विकास शानदार है।

कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तीखी बयानबाजी के बीच पाकिस्तान की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री नमिरा सलीम ने भारत और इसरो को चंद्रयान..2 मिशन के लिए बधाई दी है।

सलीम ने कहा है कि चंद्रमा पर लैंडिंग का प्रयास करना ही अपने आप में दक्षिण एशिया के साथ ही पूरे वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक ‘‘बड़ी छलांग’’ है। उल्लेखनीय है कि चंद्रयान..2 के लैंडर ‘विक्रम’ की शुक्रवार देर रात चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की योजना उम्मीद के अनुरूप सफल नही हो पायी थी।

लैंडर जब चंद्रमा से करीब 2.1 किलोमीटर दूर था तब उसका जमीनी स्टेशन से सम्पर्क टूट गया था। इसे चंद्रमा के लिए देश के दूसरे अभियान का ‘‘सबसे जटिल’’ चरण माना जा रहा था। सलीम ने कराची की पत्रिका ‘साइंशिया’ को जारी एक बयान में कहा, ‘‘मैं भारत और इसरो को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर की एक सफल सॉफ्ट लैंडिंग कराने के उसे ऐतिहासिक प्रयास के लिए बधाई देती हूं। चंद्रयान..2 चंद्रमा मिशन वास्तव में दक्षिण एशिया के लिए एक बड़ी छलांग है जो न केवल क्षेत्र बल्कि पूरे वैश्चिक अंतरिक्ष उद्योग को गौर्वांवित बनाता है।’’

सलीम अंतरिक्ष में जाने वाली पहली पाकिस्तानी हैं। वह सर रिचर्ड ब्रैनसन के वर्जिन गैलेक्टिक से अंतरिक्ष में गई थीं। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में अंतरिक्ष के क्षेत्र में क्षेत्रीय विकास शानदार है। उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण एशिया में अंतरिक्ष के क्षेत्र में क्षेत्रीय विकास शानदार है और इससे फर्क नहीं पड़ता कि कौन देश अंतरिक्ष में आगे बढ़ता है, सभी राजनीतिक सीमाएं मिट जाती हैं और अंतरिक्ष में हमें एकजुट करती हैं, जो हमें पृथ्वी पर विभाजित करती हैं।’’

सलीम का यह बयान भारत द्वारा गत पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तीखी बयानबाजी के बीच आया है। पत्रिका के अनुसार जो पहले कुछ चुनिंदा अंतरिक्ष देशों का क्लब था वह अब हमारे नये अंतरिक्ष युग की शुरुआत में सभी के लिए खुल गया है।

भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक लैंडिंग का प्रयास करने वाला पहला देश है और अगर साफ्ट लैंडिंग में सफलता मिलती तो रूस (तत्कालीन सोवियत संघ), अमेरिका और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाता। इसरो चंद्रमा पर साफ्ट लैंडिंग कराने में असफल रहा, इस बीच इसरो प्रमुख के सिवन ने रविवार को कहा, ‘‘हां हमने चंद्रमा पर लैंडर का पता लगा लिया है। यह संभवत: हार्ड लैंडिंग थी।’’ 

Web Title: Pakistan's first female astronaut Salim congratulated India and ISRO for Chandrayaan mission

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