एस जयशंकर के बयान पर पाकिस्तान ने भारत पर साधा निशाना, इस्लामाबाद पहुंचने पर बिलावल भुट्टो ने कही ये बात
By अनिल शर्मा | Published: May 6, 2023 08:46 AM2023-05-06T08:46:01+5:302023-05-06T09:09:49+5:30
इस्लामाबाद पहुंचने के बाद बिलावल भुट्टो ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों के शिखर सम्मेलन में उन्होंने (जयशंकर) जो कहा वह उनकी इच्छा थी। मैंने वहां अपने बयान दिए, प्रेस से बात की और सब कुछ रिकॉर्ड में है।
नई दिल्ली/इस्लामाबादः शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में शुक्रवार आतंकवाद को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी को खरीखोटी सुनाई। पाकिस्तान के आतंकवाद से निपटने पर जयशंकर ने कहा कि उसकी विश्वसनीयता इस मामले में उसके विदेशी मुद्रा भंडार से भी तेज गति से गिर रही है। एस जयशंकर ने पाकिस्तान को साफ संदेश देते हुए कहा किआतंकवाद फैलाने वाले और उससे पीड़ित एक मंच पर नहीं बैठ सकते।
अब पाकिस्तान लौटे बिलावल भुट्टो ने भारत के विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों के शिखर सम्मेलन में उन्होंने (जयशंकर) जो कहा वह उनकी इच्छा थी। मैंने वहां अपने बयान दिए, प्रेस से बात की और सब कुछ रिकॉर्ड में है।
बिलावल ने पाकिस्तानी मीडिया से बात करते हुए कहा कि दरअसल प्रोपगेंडा की वजह से असुरक्षा का भाव है। लेकिन वो प्रोपगेंडा गोवा जाकर टूटा भले ही उन्होंने कुछ नहीं कहा हो। यह सिर्फ भारत के संदर्भ में नहीं बल्कि उन सभी देशों से संबंधित है जो पाकिस्तान को आतंकवाद से जोड़ते हैं। अगर भारत के विदेश मंत्री यह कहते हैं कि पीड़ित और आतंकियों को बढ़ावा देने वालों को एक साथ नहीं बैठना चाहिए तो वह घृणा का भाव है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बैठक में अपने पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी पर ‘‘आतंकवाद उद्योग का प्रवर्तक, उसे उचित ठहराने वाला और एक प्रवक्ता” होने का आरोप लगाया था। जयशंकर ने भारत आए पाकिस्तानी विदेश मंत्री को तब आड़े हाथों लिया जब इससे पहले बिलावल भुट्टो-जरदारी ने भारत पर निशाना साधते हुए ‘‘कूटनीतिक फायदे के लिए आतंकवाद को हथियार’’ के तौर पर इस्तेमाल नहीं करने का आह्वान किया।
इसपर जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने पर बिलावल के बयान से अनजाने में एक मानसिकता का खुलासा हुआ है। उन्होंने कहा कि बिलावल से एससीओ सदस्य राष्ट्र के एक विदेश मंत्री के अनुरूप व्यवहार किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे जयशंकर ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि आतंकवाद की अनदेखी करना समूह के सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक होगा और जब दुनिया कोविड-19 महामारी तथा उसके प्रभावों से निपटने में लगी थी, तब भी आतंकवाद की समस्या ज्यों की त्यों बनी रही। जयशंकर ने बिलावल, चीन, रूस, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के अपने समकक्षों की मौजूदगी में कहा, ‘‘हमें किसी भी व्यक्ति या देश को सरकार से इतर तत्वों के पीछे छिपने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।’’