पाकिस्तान: नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई अपने पैतृक नगर स्वात घाटी पहुंची

By भाषा | Published: March 31, 2018 12:39 PM2018-03-31T12:39:59+5:302018-03-31T12:39:59+5:30

नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजी अपने माता- पिता के साथ खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में आज एक दिन के दौरे पर पहुंची हैं। वह सर्किट हाउस में रूकी हैं और इसके बाहर सुरक्षा बल तैनात हैं।

Pakistan: Nobel Laureate Malala Yousafzai reached her native city Swat Valley | पाकिस्तान: नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई अपने पैतृक नगर स्वात घाटी पहुंची

पाकिस्तान: नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई अपने पैतृक नगर स्वात घाटी पहुंची

पेशावर, 31 मार्च: नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजी शनिवार को पाकिस्तान के स्वात घाटी में अपने पैतृक नगर पहुंची। लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने वाली मलाला को पांच साल पहले तालिबान के आतंकवादियों ने सिर में गोली मार दी थी। वह इस घटना के बाद पहली बार पाकिस्तान आई हैं।

सूत्रों ने बताया कि कड़ी सुरक्षा के बीच मलाला अपने माता- पिता के साथ खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में आज एक दिन के दौरे पर पहुंची हैं। वह सर्किट हाउस में रूकी हैं और इसके बाहर सुरक्षा बल तैनात हैं। सूत्रों ने बताया कि मलाला मिंगोरा के माकन बाग में स्थित अपने पैतृक घर में जाएंगी। इसके साथ ही वह सांगला जिले में एक स्कूल का उद्घाटन करेंगी।

जियो न्यूज को कल दिए एक साक्षात्कार में मलाला ने बताया था कि जैसे ही वह अपनी पढ़ाई पूरी कर लेंगी, वह स्थायी तौर पर पाकिस्तान वापस लौट आएंगी। मलाला ने कहा, 'मेरी योजना पाकिस्तान लौटने की है क्योंकि यह मेरा देश है। जैसे किसी अन्य पाकिस्तानी नागरिक का अधिकार पाकिस्तान पर है, वैसे ही मेरा भी है।' उन्होंने पाकिस्तान आने पर खुशी जाहिर की और लड़कियों को शिक्षा मुहैया कराने के अपने मिशन पर जोर दिया।

मलाला को साल2012 में पाकिस्तान के स्वात घाटी में लड़कियों की शिक्षा के लिए प्रचार करने के दौरान एक आतंकवादी ने गोली मार दिया था। इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। घायल मलाला को हेलीकॉप्टर की मदद सेपाकिस्तान के एक सैन्य अस्पताल से दूसरे सैन्य अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे चिकित्सीय कोमा में भेज दिया ताकि उसे एयर एंबुलेंस के माध्यम से इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाया जा सके। मलाला पर हमला करने के बाद तालिबान ने यह कहते हुए एक बयान जारी किया कि अगर मलाला जीवित बचती है तो वह उस पर दोबारा हमले करेंगे।

मलाला को लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने के लिए साल2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया। उन्हें भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथयह पुरस्कार दिया गया था।अब मलाला 20 साल की हो चुकी हैं। मात्र 17 साल की उम्र में वह नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की कार्यकर्ता हैं। पूरी तरह से ठीक होने के बाद भी मलाला पाकिस्तान नहीं लौट पाई थीं। वह ब्रिटेन में रहती हैं और वहां मलाला फँड की स्थापना करके पाकिस्तान, नाइजीरिया, सीरिया और केन्या की लड़कियों की शिक्षा के लिए वहां के स्थानीय समूहों की मदद करती हैं।

वह फिलहाल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही हैं। मलाला ने लड़कियों की शिक्षा के लिए अपना अभियान11 साल की उम्र में शुरू किया था। उन्होंने साल2009 में बीबीसी उर्दू सेवा के लिए ब्लॉग लिखना शुरू किया था। इसमें वह तालिबान के साये में स्वात घाटी के जीवन के बारे में लिखती थीं, जहां लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध था। लड़कियों की शिक्षा के विरोधी तालिबान ने पाकिस्तान में सैकड़ों स्कूल नष्ट कर दिए हैं। 
 

Web Title: Pakistan: Nobel Laureate Malala Yousafzai reached her native city Swat Valley

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