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पाकिस्तान में थमा चुनाव प्रचार, 12,570 से अधिक उम्मीदवारों ने की अंतिम कोशिश

By रामदीप मिश्रा | Updated: July 26, 2018 08:04 IST

नेशनल असेंबली के लिए 3,675 और प्रांतीय विधानसभाओं के लिए 8,895 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने कहा था कि नियमों के मुताबिक प्रचार अभियान मध्यरात्रि तक खत्म हो जाना चाहिए ताकि मतदाताओं को सोच-विचार का समय मिले और वह 25 जुलाई को होने वाले मतदान में हिस्सा लेने की तैयारी कर सकें। 

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इस्लामाबाद, 24 जुलाईः पाकिस्तान में इस बार आम चुनाव को लेकर खासा उत्साह नहीं देखा गया है, लेकिन राजनीतिक पार्टियां सत्ता पाने के लिए चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक रही थीं। हर पार्टी मतदाता को लुभाने के लिए अपनी-अपनी तरह से कोशिश कर रही थी।  25 जुलाई को होने वाले इस आम चुनाव का दो महीने से चल रहा प्रचार बीती रात को समाप्त हो गया।

इस दौरान तमाम राजनीतिक दलों के उम्मीदवार और नेता जनसभाओं, नुक्कड़ सभाओं और घर-घर जाकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की आखिरी कोशिशें पूरी कर ली हैं। हालांकि पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर मतदाताओं में बहुत अधिक उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है और सुरक्षा की स्थिति भी तनावपूर्ण बनी हुई है। पाकिस्तान के कई कट्टर मौलवियों सहित 12,570 से अधिक उम्मीदवार संसद और चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए चुनावी मैदान में हैं। 

नेशनल असेंबली के लिए 3,675 और प्रांतीय विधानसभाओं के लिए 8,895 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने कहा था कि नियमों के मुताबिक प्रचार अभियान मध्यरात्रि तक खत्म हो जाना चाहिए ताकि मतदाताओं को सोच-विचार का समय मिले और वह 25 जुलाई को होने वाले मतदान में हिस्सा लेने की तैयारी कर सकें। 

अब इस समय सीमा के बाद कोई भी उम्मीदवार या पार्टी नेता जनसभाओं या नुक्कड़ सभाओं को संबोधित नहीं कर सकेगा और ना ही रैली निकाल सकेगा। चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया भी राजनीतिक विज्ञापनों के प्रसारण और प्रकाशन से परहेज करेंगे।

आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों को दो साल तक की जेल की सजा या एक लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। पूर्व के चुनावों के मुकाबले इस बार चुनाव प्रचार को लेकर मतदाताओं में बहुत अधिक उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता और अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सहित कई कद्दावर नेताओं के खिलाफ अदालती मामलों के कारण देश में अनिश्चितता का माहौल है।

भ्रष्टाचार निरोधक संगठन राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो की कार्रवाइयों के कारण पीएमएल-एन का चुनाव प्रचार प्रभावित हुआ है। वहीं संघीय जांच एजेंसी द्वारा पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी के खिलाफ धनशोधन के मामले में कार्रवाई के समय पर भी सवाल खड़े किये जा रहे हैं।

आतंकियों के आत्मघाती हमलों से भी अभियान प्रभावित हुआ है। पिछले दो सप्ताह में हुए हमलों में तीन उम्मीदवारों सहित 180 लोगों की जान जा चुकी है।(खबर इनपुट- भाषा)

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